रामनगरी अयोध्या में शनिवार को पारंपरिक गोपाष्टमी पर्व पूरे विधि-विधान के साथ मनाया गया। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है...
अयोध्या में परंपरागत गोपाष्टमी उत्सव : गौ पूजन और गौरक्षा संकल्प के साथ मनाया गया पर्व
Nov 09, 2024 19:29
Nov 09, 2024 19:29
Ayodhya News : रामनगरी अयोध्या में शनिवार को पारंपरिक गोपाष्टमी पर्व पूरे विधि-विधान के साथ मनाया गया। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है और मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन गौ माता की पूजा आरंभ की थी। इस अवसर पर शहर के विभिन्न स्थानों पर गौ पूजन और गौरक्षा का संकल्प लिया गया।
प्राधानाचार्य इंद्रदेव मिश्र के मार्गदर्शन में सम्पन्न
अयोध्या के कारसेवकपुरम में, जगत हॉस्पिटल के डॉ. एसएम द्विवेदी और उनकी पत्नी सिम्मी द्विवेदी ने भी गोपाष्टमी का पर्व परंपरागत रूप से मनाया। वहीं, श्रीराम गौशाला में सैकड़ों गौवंशों का पूजन वैदिक रीति से किया गया। इस पूजन का नेतृत्व विहिप के केंद्रीय संयुक्त संगठन महामंत्री विनायक राव देश पांडेय ने किया, जो प्राधानाचार्य इंद्रदेव मिश्र के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ।
गौवंश सुरक्षा के लिए कठोर सजा की अपील
इस अवसर पर विनायक राव देश पांडेय ने कहा कि गौरक्षा और गौवंश संरक्षण के लिए सरकारों को दृढ़ इच्छाशक्ति दिखानी होगी। उन्होंने मांग की कि गौ हत्या करने वालों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया जाए ताकि इस अमूल्य धरोहर को सुरक्षित रखा जा सके। पांडेय ने कहा कि "गावो विश्वस्य मातरः" अर्थात गाय को विश्व की माता माना गया है, और भारत के लिए यह आत्मा के समान है। उन्होंने कहा कि गौ पालन से परिवारों में समृद्धि आती है और गौ सेवा करने से व्यक्ति हर संकट से मुक्त रहता है, इसलिए गौ संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
सभी राज्य सरकारों से आर्थिक सहायता प्रदान करने का अनुरोध
श्रीराम गौशाला समिति के उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद लल्लू सिंह ने भी गौ संरक्षण में राज्य सरकारों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से अपील की कि वे गोचर भूमि को सुरक्षित रखने के साथ-साथ गौशालाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करें। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर गोचर भूमि पर आवासीय और व्यावसायिक भवन बनाए जा रहे हैं, जिससे गौवंश के लिए सुरक्षित स्थानों की कमी हो रही है। साथ ही, उन्होंने कहा कि गांवों में गायों की जगह भैंस और जर्सी गायों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे देशी गौवंश धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं।
गौवंश का श्रृंगार कर गुड़ और पूड़ी का भोग अर्पित किया
डाडिया मंदिर के महंत गिरीश दास ने गौ पालन को पवित्र कार्य बताया और कहा कि गौ आधारित कृषि हमारी मूल विरासत है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में गाय को देवी-देवताओं के समान पूजनीय माना गया और परिवार में माता के बाद दूध पिलाने का विशेष स्थान गौ माता को दिया गया है। गिरीश दास ने कहा कि गौ सेवा देश के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर विहिप के संयुक्त महामंत्री कोटेश्वर शर्मा, केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह "पंकज", कारसेवकपुरम प्रभारी शिवदास सिंह, उमेश पोडवाल, सह प्रबंधक शरद शर्मा, विभाग मंत्री धीरेश्वर वर्मा और अन्य स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित थे। सभी ने मिलकर गौवंश का श्रृंगार किया और गुड़-पूड़ी का भोग अर्पित कर गौ संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लिया।
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