बिलरियागंज थाने के प्रभारी विनय कुमार सिंह पर फर्जी रेप मामले में एक युवक को जेल भेजने का आरोप लगा है। पीड़िता ने डीआईजी से शिकायत की थी कि थाना प्रभारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना किसी ठोस...
यूपी पुलिस का कारनामा : फर्जी रेप केस में युवक को भेजा जेल, थाना प्रभारी निलंबित
Nov 14, 2024 13:27
Nov 14, 2024 13:27
यह है मामला
पीड़िता संध्या राय ने डीआईजी वैभव कृष्ण से शिकायत की थी कि उसके छोटे बेटे अभ्युदय राय को बिलरियागंज थाने के प्रभारी ने जानबूझकर झूठे रेप आरोप में फंसाया है। उन्होंने बताया कि उनके बड़े बेटे ने अपनी पत्नी को तलाक का नोटिस भेजा था। कुछ समय बाद ही यह फर्जी मामला दर्ज करवा दिया गया। डीआईजी वैभव कृष्ण ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का आदेश दिया, जिसमें यह सामने आया कि थाना प्रभारी ने न तो घटनास्थल का निरीक्षण किया न गवाहों के बयान लिए और न ही कोई ठोस साक्ष्य जुटाए। इसके अलावा गिरफ्तारी के समय भी उच्च अधिकारियों को गलत जानकारी दी गई। जांच में दोषी पाए जाने के बाद डीआईजी ने तत्काल प्रभाव से थाना प्रभारी विनय कुमार सिंह को सस्पेंड कर दिया है।
निलंबन की कार्रवाई
जांच में पाया कि थाना प्रभारी की ओर से लापरवाही और गलत कार्यवाही की गई है। इस पर कार्रवाई करते हुए विनय कुमार सिंह को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। डीआईजी ने इस मामले में पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ जांच की आवश्यकता पर बल दिया है, ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके। वहीं मामले की आगे की जांच जारी है।
भाभी ने देवर पर रेप का फर्जी मुकदमा कराया था दर्ज
बिलरियागंज थाना निवासी एक महिला ने 21 अक्टूबर को पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) वैभव कृष्ण के कार्यालय में जाकर बिलरियांगज थानाध्यक्ष विनय कुमार सिंह के खिलाफ शिकायत की थी। महिला का आरोप था कि उसके बड़े बेटे ने अपनी पत्नी को तलाक का नोटिस भेजा था। तलाक का नोटिस भेजने के कुछ ही दिन बाद बड़े बेटे की पत्नी ने अपने देवर पर फर्जी रेप का मुकदमा थाने में दर्ज कराया। महिला का आरोप है कि यह मुकदमा पुलिसकर्मियों और थानाध्यक्ष की मिलीभगत से दर्ज किया गया। थानाध्यक्ष ने मुकदमा दर्ज करने के चार दिन बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में न ही किसी का बयान लिया गया न ही फॉरेंसिक साक्ष्य ही जुटाए गए।