मान्यता है कि अक्षय नवमी पर किया गया कोई भी कार्य शुभ फलदायी होता है। इस दिन अक्षय तृतीया जैसा फल मिलता है। इस दिन किए गए अच्छे कार्यों का फल कभी समाप्त नहीं होता है।
बलिया में अक्षय नवमी का भव्य आयोजन : श्रद्धालुओं ने आंवले के पेड़ के नीचे की पूजा, जानें इसका धार्मिक महत्व
Nov 10, 2024 14:54
Nov 10, 2024 14:54
रवि योग में मनाई अक्षय नवमी
इस अवसर पर पंडित अखिलेश्वर पांडेय ने बताया कि अक्षय नवमी रवि योग में होगी। हिंदू धर्म में अक्षय नवमी को बहुत ही महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है। इसे विशेष रूप से शुभ कार्यों के लिए जाना जाता है, क्योंकि इस दिन किए गए अच्छे कार्यों का फल कभी समाप्त नहीं होता है। पूर्व प्रधानाचार्य और कर्मकांड के विद्वान पंडित अखिलेश्वर पांडेय ने बताया कि इस वर्ष अक्षय नवमी रवि योग में मनाई जाएगी।
अक्षय नवमी की धार्मिक मान्यता
देवउठनी एकादशी से दो दिन पहले अक्षय नवमी पड़ने के कारण भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी मनाई जाती है। अक्षय नवमी के व्रत में आंवले के पेड़ और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि अक्षय नवमी के दिन से पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवले के पेड़ के नीचे निवास करते हैं।
अक्षय नवमी का शुभ मुहूर्त
10 नवंबर 2024 रविवार को व्रत किया गया। नवम तिथि का समापन एवं 10 नवंबर रविवार संध्या 04 :44 मिनट तक रवियोग 10 नवंबर को सुबह 10:59 से 06: 04 बजे होगा।
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पूजन में मुख्य रूप से संतोष कुमार सिंह, सुनंदा उपाध्यक्ष, ओम प्रकाश राय, सुनील कुमार पांडेय, अमर ज्योति सिंह, आशीष कुमार सिंह, अशोक कुमार, बलवंत कुमार सिंह, वीर बहादुर आदि लोग उपस्थित रहे।
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