दिवाली पर पटाखे फोड़ने की परंपरा है। शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी रात में पटाखे फोड़े जाते हैं। तेज आवाज वाले पटाखों से आसमान गूंज उठता है। इससे बचने की कोशिश करना बहुत जरूरी है क्योंकि तेज आवाज वाले पटाखों से कान का पर्दा फट सकता है।
दिल खोलकर मनाएं दिवाली, लेकिन जरूर बरतें सावधानी : तेज ध्वनि वाले पटाखों से बहरा होने का खतरा, जानें डॉक्टरों की राय
Oct 28, 2024 14:22
Oct 28, 2024 14:22
- बच्चों को केवल कम तीव्रता वाले पटाखे जैसे फुलझड़ी और चरखी तक सीमित रखें।
- उच्च डेसिबल वाले पटाखों से दूर रहें और पटाखे फोड़ते समय उचित दूरी बनाए रखें।
- पटाखे फोड़ते समय आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मे का प्रयोग करें।
- आपातकालीन स्थिति के लिए प्राथमिक चिकित्सा किट तैयार रखें।
पटाखे फोड़ते समय बरतें सावधानी
ध्यान देने वाली बात यह है कि दिवाली की रात पटाखे फोड़ते समय बच्चों को सावधानी बरतनी चाहिए। फुलझड़ी, चरखी के अलावा बच्चों को अनार, रॉकेट आदि कम क्षमता वाले पटाखे ही फोड़ने चाहिए। उन्हें बम या अन्य उच्च डीबी ध्वनि वाले पटाखों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। 90 डीबी तक की ध्वनि मनुष्य के लिए हानिकारक नहीं है। इससे अधिक की ध्वनि कानों के लिए हानिकारक हो सकती है। बम या अन्य उच्च ध्वनि वाले पटाखों की आवाज मनुष्य के कानों को नुकसान पहुंचा सकती है। वहीं 120 डीबी के पटाखों से कान का पर्दा फट सकता है। कानों से धुआं भी निकल सकता है।
पटाखे की आवाज से टूट सकती हैं कान की हड्डियां
आपको बता दें कि अगर पटाखे की आवाज 160 या उससे ज्यादा होती है तो कान की हड्डियां भी टूट सकती हैं, जिससे व्यक्ति जिंदगी भर के लिए बहरा हो सकता है। पटाखे से निकलने वाला धुआं भी काफी नुकसानदायक हो सकता है। धुएं में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है। आंखों में जलन हो सकती है। आंख का रंग लाल हो सकता है। गैस की ज्यादा मात्रा आंखों की रोशनी पर भी असर डाल सकती है। आंखों में धुआं जाने से रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।
160 डीबी पर टूट सकती हैं कान की हड्डियां: डॉ.मिथिलेश
बलिया के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. मिथिलेश सिंह ने बताया कि हाई डीबी वाले पटाखों से दूरी बनाकर रखना चाहिए। तेज ध्वनि वाले पटाखों से कान पर कुप्रभाव पड़ता है। इससे सुनने की क्षमता भी जा सकती है। खास कर बच्चों को आवाज वाले पटाखों से दूरी बनाना चाहिए। बताया कि इंसान के कान 90 डीबी तक की आवाज को बर्दाश्त कर सकता ह़ै। इससे अधिक की ध्वनि कान के लिए नुकसानदायक होगी। कहा कि अचानक 160 डीबी की ध्वनि पर कान की हड्डी भी टूट सकती है।
पटाखे के धुआं से आंखों में हो सकती है जलन: डॉ. बीपी सिंह
जिला अस्पताल के वरिष्ठ आई सर्जन व पूर्व सीएमएस डॉ. बीपी सिंह ने बताया कि पटाखे के धुआं से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। धुआं से आंख लाल हो सकती है। आंखों में जलन भी हो सकती है। बताया कि आंखों में धुआं जाने पर उसे तुरंत पानी से धोना चाहिए। ज्यादा परेशानी होने पर आंख में एंटीबायोटिक डालना लाभप्रद होता है। कहा कि किसी तरह की परेशानी होने पर डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
दीपावली पर जिला अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्र रहेंगे अलर्ट
दीपावली के मद्देनजर जिला अस्पताल समेत अन्य स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट रखा जाएगा। इसके लिए बकायदे डाक्टरों की ड्यूटी लगाई जाएगी। अस्पतालों में बेड आरक्षित रहेंगे। बर्न वार्ड में मरीजों की भर्ती करने की व्यवस्था रहेगी। दीपावली पर लापरवाही के कारण प्रत्येक साल बच्चे व बड़े दुर्घटना का शिकार हो जाते है। जिसका खामियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है। वहीं खुशी की जगह गम हो जाता है।
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