जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह : स्वर्ण पदक पाने में बेटियों ने बेटों को पीछे छोड़ा, किया गया सम्मानित

स्वर्ण पदक पाने में बेटियों ने बेटों को पीछे छोड़ा, किया गया सम्मानित
UPT | राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने 42 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक दिया।

Sep 25, 2024 00:44

जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया का छठवें दीक्षांत समारोह का आयोजन बुधवार को गंगा बहुद्देशीय सभागार में कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में हुआ। इस मौके पर कुलाधिपति ने स्नातक के 19448, स्नातकोत्तर के 3894 सहित कुल 23342 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। इसमें 9452 छात्र तथा 13890 छात्राएं शामिल थीं। इस मौके पर दो विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि तथा अपनी कक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 42 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया। स्वर्ण पदक पाने में 34 छात्राएं और आठ छात्र शामिल रहे।

Sep 25, 2024 00:44

Short Highlights
  • 34 छात्राएं व आठ छात्र को राज्यपाल ने दिया स्वर्ण पदक
  • 23342 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी
Ballia News : जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का छठवां दीक्षांत समारोह का आयोजन मंगलवार को गंगा बहुद्देशीय सभागार में कुलाधिपति व राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल की अध्यक्षता में हुआ। इस अवसर पर कुलाधिपति ने स्नातक के 19448, स्नातकोत्तर के 3894 सहित कुल 23342 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी। इसमें 9452 छात्र तथा 13890 छात्राएं थीं। उन्होंने दो विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि तथा अपनी कक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 42 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया। स्वर्ण पदक पाने में 34 छात्राएं तथा 8 छात्र थे। 



सभी विषयों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली एमएससी (जन्तु विज्ञान) की छात्रा आयुषी कुमारी सिंह को चांसलर मेडल प्रदान किया गया। दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि आप सब लोगों को संबोधित करते हुए मुझे अत्यंत गर्व होता हैं। आज इस भूमि पर उपस्थित होकर आप सब लोगों को संबोधित कर रही हूं, वह संतो, ऋषियों, राष्ट्रनायकों, स्वतंत्रता सेनानियों, कलाकारों एवं साहित्यकारों की भूमि हैं। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक मंगल पाण्डेय तथा सन 1942 की क्रांति के नायक चित्तू पाण्डेय, इसी धरती की उपज रहें हैं। भारतीय राजनीति को नई दिशा देने वाले श्री जयप्रकाश नारायण और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री चंद्रशेखर जी की यह धरती है। इस धरती को नमन करती हूं।

सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री रामचेत चौधरी ने इस क्षेत्र से विलुप्त हो रही काला नमक चावल को पुनर्जीवित करने का कार्य ही नहीं किया है, बल्कि इस चावल की गूंज पूरे देश-विदेश में भी हो रही है। उन्होंने उपाधि एवं गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को हार्दिक बधाई एवं उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि उपाधि एवं मेडल प्राप्त करने में सबसे ज्यादा लड़कियां हैं, कैसे धीरे-धीरे करके लड़कियां आगे बढ़ रही हैं और लड़के पिछड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम बिल्डिंग किसके लिए बनाते हैं-हॉस्पिटल, विश्वविद्यालय या छोटे बच्चों के लिए बिल्डिंग बन रही है, इन बिल्डिंगों में क्या-क्या सुविधा होनी चाहिए, उन सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने एक विश्वविद्यालय के बिल्डिंग को देखा, जिसके क्लासरूम में ब्लैक बोर्ड के नीचे प्लेटफार्म नहीं था। प्लेटफॉर्म नहीं होने से अध्यापक को पढ़ाने में कठिनाई होती है, सभी क्लासरूम में ब्लैक बोर्ड के नीचे प्लेटफार्म बनवाने के निर्देश दिए।

कमी को ढूंढने की जरूरत : कुलधिपति
कुलाधिपति ने कहा कि हम विश्वविद्यालय में सिविल इंजीनियर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर एवं डिजाइन के लिए तथा टाउन प्लानिंग के लिए पढ़ाते हैं, बच्चे पढ़कर जाते हैं और जब धरती पर उतरना होता है तो वे वहां पर नहीं उतार पाते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि हम लोग सही ढंग से सीखाते हैं या नहीं, या बच्चे सही ढंग से सीखते हैं या नहीं, कहां कमियां है, उस कमी को ढूंढने की जरूरत है। उन्होंने अध्यापकों से कहा कि आप बच्चों को बताएं कि वह जिस बिल्डिंग को बनाएंगे, उस बिल्डिंग में क्या-क्या सुविधा होनी चाहिए, उस पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए छोटे टॉयलेट बनाया जाय। उन्होंने विश्वविद्यालय से कहा कि बच्चों को उस तरीके से सिखाएं, जिसका उपयोग जनता के लिए वे कर सकें। उन्होंने कहा कि तेरह करोड रुपए पीएम उषा के तहत मिला है, इन 13 करोड़ रूपये का प्लान तैयार कर शासन को भेजा गया है या नहीं, वे राजभवन में सभी विश्वविद्यालय का प्रस्तुतीकरण देखेंगी। उन्होंने कहा कि नैक बंद हो गया है, इसकी जगह पर बाइनरी नाम की एक नई स्कीम आ रही है, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जाय तथा अध्यापकों को जिम्मेदारी सौंपकर इसमें आगे बढ़ा जाय।

कौशल विकास में बच्चों को आगे बढ़ाने की जरूरत
कुलाधिपति ने कहा कि इस क्षेत्र के लिए कौशल विकास में बच्चों को आगे बढ़ाने की जरूरत है, इसके लिए विश्वविद्यालय को प्रयास करना पड़ेगा। प्रधानमंत्री द्वारा कौशल विकास के लिए एक-एक स्टूडेंट के लिए 7.50 लाख रुपए देने का प्रावधान बजट में किया गया है। भारत की बड़ी-बड़ी कंपनियों को इंटर्नशिप कराने के लिए बाध्य किया गया है। प्रधानमंत्री जी ने सभी कंपनियों के मालिकों और सीईओ सेे कहा है कि हमारे जितने भी बच्चे इंटर्नशिप करने के लिए आपके यहां आते हैं आप मना नहीं कर सकते हैं। बच्चे बड़ी-बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप के लिए काम करेंगे तो मालिक उनके कार्य से खुश होकर अपने यहां रोजगार भी देंगे। एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को अपना रोजगार करने के लिए बजट में बिना ब्याज के प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा की मुद्रा योजना के तहत 10 लाख रुपए मिलता था, अब इसे बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया गया है, यह भी होनहार बच्चों के लिए किया गया है। बच्चों इसका लाभ उठा कर आप भी अपना रोजगार करें और आगे चलकर आप भी नौकरी देने वाले बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार ऐसी योजनाएं चला रही हैं, इसमें बच्चों को जोड़ना है, यह जोड़ने की जिम्मेदारी अध्यापकों की हैं।

भविष्य को अच्छे तरीके से संभालना
कुलाधिपति ने कहा कि कृषि क्षेत्र में पदमश्री प्राप्त करने वाले तथा शोधकों से संपर्क कर यह यूनिवर्सिटी और यह क्षेत्र कृषि क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ सकता है, इस पर भी ध्यान दिया जाय। उन्होंने अध्यापकों से कहा कि आप लोग लेखन कार्य भी करें कुछ नया रिसर्च हुआ है तो उस पर भी लिखा जाए कि रिसर्च किस प्रकार किया गया है, इन कार्यों के लिए कमिटमेंट की जरूरत हैं। बच्चों को प्रेरित करने तथा दिशा देने का कार्य अध्यापकों का है। एक-दो बच्चे आगे निकल जाएंगे तो आपको भी प्रसन्नता की अनुभूति होगी। उन्होंने अध्यापकों से कहा कि आप लोग संकल्प कर अच्छे-अच्छे कार्य करिए। उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालय व जिला प्रशासन के सहयोग से 150 आंगनबाड़ी केंद्रों को किट प्रदान किया गया है, यह कोई साधारण किट नहीं है, इससे बच्चों का मानसिक, शारीरिक एवं सर्वांगीण विकास होगा। यह अभियान विगत 4 वर्ष से चल रहा है और पूरे उत्तर प्रदेश में लगभग 20 हजार आंगनबाड़ी केंद्र में किट का वितरण जन सहयोग के माध्यम से किया गया है। ये छोटे बच्चे हैं, लेकिन ये हमारे भविष्य है और इनके भविष्य को अच्छे तरीके से संभालना, अच्छे तरीके से संस्कार देना और अच्छे तरीके से राष्ट्रप्रेम जागृत करना, हमारा कार्य है।

इससे मिलेगी बलिया को विशेष पहचान: रामचेत चौधरी
 समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक पद्मश्री रामचेत चौधरी ने कहा कि यह अच्छी बात है कि विश्वविद्यालय शहर में न होकर खुले और अच्छे वातावरण में है। अध्यापकों को संदेश दिया कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी समाज के लिए कुछ सकारात्मक कार्य करते रहें। मैंने सेवा से आजाद होकर ही जो किया, उसी के लिए अप्रैल, 2024 में पद्मश्री मिला। विद्यार्थियों से कहा कि आपको यह डिग्री मिली, अर्थात् आपको विश्वविद्यालय ने इस देश के लिए कुछ करने के लिए तैयार किया है। आप सभी समाज के लिए ऐसा कार्य करें, जिससे लोग आपको याद करें। श्री चौधरी ने कुलपति से कहा कि कुछ ऐसी चीजें हैं, जो बलिया की विशेष हैं। बलिया की बिंदी, जलमग्न धान, सत्तू का भौगोलिक सूचकांक देने के लिए कार्य किया जाए तो उससे बलिया को विशेष पहचान मिलेगी और यहां के लोगों को भी तमाम फायदा होगा। बलिया की मिट्टी अपने आप में शानदार है, इसकी एक अलग पहचान बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। 

क्या बोले उच्च शिक्षा मंत्री
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय एवं उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस दीक्षांत समारोह पर अपने कुलपति से प्राप्त उपदेश को अपने जीवन में उतार कर अपना भविष्य उज्जवल बनाएं। इस अवसर पर जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार, एसपी विक्रांतवीर, सीडीओ ओजस्वी राज के अलावा प्रो अखिलेश राय, प्रो जैनेन्द्र पाण्डेय, प्रियंका सिंह सहित विवि के समस्त स्टाफ व अन्य अतिथि मौजूद थे। समारोह का कुशल संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर सरिता पाण्डेय ने किया।

कुलाधिपति ने नवनिर्मित अटल प्रशासनिक भवन का किया उद्घाटन
 राज्यपाल व कुलाधिपति ने बसंतपुर स्थित जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय पहुंचकर  नवनिर्मित अटल प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया तथा वृक्षारोपण किया। उन्होंने पूरे भवन में भ्रमण कर सभी कक्षों को देखा। इससे पहले कुलाधिपति/राज्यपाल का स्वागत उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, राज्यमंत्री रजनी तिवारी, कुलपति प्रो संजीत गुप्ता, जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार, पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर, सीडीओ ओजस्वी राज ने पुलिस लाईन स्थित हेलीपैड पर किया। इसके बाद वह सड़क मार्ग से बसंतपुर स्थित विश्वविद्यालय के लिए प्रस्थान कीं।

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