लोकसभा चुनाव 2024 : बलिया में नहीं चला अमित शाह का जादू, कमल खिलाने में नाकाम रहे नारद

बलिया में नहीं चला अमित शाह का जादू, कमल खिलाने में नाकाम रहे नारद
UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Jun 05, 2024 00:21

इस सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर एवं सपा उम्मीदवार सनातन पांडेय के बीच चल रही जंग पर सबकी निगाहें टिकी थी। यहां गृहमंत्री, मुख्यमंत्री सहित देश के दिग्गजों का जमावड़ा जरूर हुआ, लेकिन...

Jun 05, 2024 00:21

Short Highlights
  • बलिया में पहली बार सांसद चुने गए सनातन
  •  पूर्वांचल में सपा की साइकिल दौड़ी

Ballia News : पूर्वांचल में सपा के शानदार प्रदर्शन के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश की चर्चित सीट बलिया में भारतीय जनता पार्टी हैट्रिक लगाने में असफल रही। इस सीट पर सपा उम्मीदवार सनातन पांडेय ने जीत दर्ज की। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर को धूल चटाने का काम किया है। भाजपा एवं सपा के बीच चल रही जंग पर सबकी निगाहें टिकी थी। यहां गृहमंत्री, मुख्यमंत्री सहित देश के दिग्गजों का जमावड़ा जरूर हुआ, लेकिन बीजेपी कमल खिलाने में असफल रही।

भारतीय जनता पार्टी से नीरज शेखर
इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी से नीरज शेखर, तो समाजवादी पार्टी से सनातन पांडेय और बसपा से लल्लन यादव चुनाव मैदान में थे। सपा उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए बलिया में खुद जनता ने चुनाव लड़ा। पार्टी कार्यकर्ताओं, गठबंधन के साथी पूरे मनोयोग से लगे रहे। खास बात यह रहा कि हमेशा से भाजपा के साथ रहे ब्राह्मण, भूमिहार एवं अन्य पिछड़ी जातियों की सपा को जीत दिलाने में मुख्य भूमिका रही। सभी चुनावी रण में उतरकर घर-घर वोट मांग रहे थे। मेहनत रंग लाई और अंततः सनातन पांडेय को पहली बार बलिया लोकसभा सीट से जीत हासिल हुई।

देखा जाए तो वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने "सपा" को हराने के लिए खूब माहौल बनाया। पड़ोसी जनपद गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को सपा से टिकट दिए जाने पर बलिया लोकसभा में भी सपा के प्रति लोगों में नफरत पैदा करने की कोशिश की। लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ, बल्कि सपा उम्मीदवार सनातन पांडेय के प्रति लोगों की सहानुभूति जुड़ती गई। उधर भाजपा बलिया लोकसभा सीट पर इस बार हर कीमत पर कमल खिलाना चाह रही थी। ऐसा हुआ होता, तो भाजपा की हैट्रिक लगना तय था। लेकिन वर्तमान सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काटकर राज्यसभा सांसद नीरज शेखर को पार्टी से टिकट देना लोगों को अच्छा नहीं लगा। 

अंतिम समय तक कोशिश कीू भाजपा  
अंतिम समय तक कोशिश की। अंतिम समय तक कोशिश की। अंतिम समय तक कोशिश की। सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त से कुछ लोग जरूर नाराज थे, लेकिन नीरज शेखर से उनसे भी ज्यादा कहीं लोगों में नाराजगी दिखी। भाजपा से नीरज शेखर के उम्मीदवार बनते ही राजनीतिक समीकरण फिट नहीं बैठा। पार्टी में अंदरूनी खींचतान भी चलती रही। इस समय रहते नीरज शेखर ठीक नहीं कर पाए। हालांकि इसे सुधारने के लिए भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं ने नामांकन से लेकर चुनाव के अंतिम समय तक कोशिश की। इस बीच गृहमंत्री अमित शाह का लगातार दो दिन कार्यक्रम भी बलिया में लगाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अलग-अलग विधानसभाओं में जनसभा को संबोधित किए। उपमुख्यमंत्री सहित गैर प्रांतों के मुख्यमंत्री एवं अन्य बड़े नेताओं के कार्यक्रम निरंतर चलते रहे। बलिया के मतदाताओं का मूड परिवर्तित करने के लिए सबने पूरी ताकत झोंकी। लेकिन यह तब फीकी पड़ गई, जब चार जून को देर रात फाइनल रिजल्ट आया और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सनातन पांडेय सांसद चुने गए।

भारी मतों से हराकर जीत का परचम लहराया
बलिया की इस चर्चित सीट से सपा प्रत्याशी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी उम्मीदवार नीरज शेखर को बुरी तरह पटखनी दी और भारी मतों से हराकर जीत का परचम लहराया। सपा उम्मीदवार सनातन पांडेय को कुल 4,67,068 मत मिले। जबकि भाजपा उम्मीदवार नीरज शेखर को कुल 4,23,684  मत से संतोष करना पड़ा। इस सीट से तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार लल्लन यादव रहे। उन्हें कुल 85,205 वोट मिले।

बलिया लोकसभा सीट की बात करें तो इस बार के चुनाव में पिछड़े एवं अल्पसंख्यक मतदाताओं के साथ ही ब्राह्मण, भूमिहार व वैश्य मतदाताओं ने भी सपा का साथ दिया है। बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर नवयुवक एवं किसान भी सपा के साथ आ गए हैं।

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