Ballia News : बलिया में देखा रामलला के प्राण- प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण

बलिया में  देखा रामलला के प्राण- प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण
Uttar Pradesh Times | रामलला के प्राण- प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण

Jan 22, 2024 15:40

महर्षि भृगु मुनि की धरती बलिया कभी अयोध्या की राजधानी के काफी करीब थी। यह इस बात से सिद्ध होता है, कि राजकुमार राम विद्या अध्ययन और महर्षि विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा के लिए बलिया होकर ही सिद्धाश्रम (बक्सर-बिहार) गए थे। जिसके बाद उनको दूसरी बार राजा राम के रूप में बलिया आना हुआ था। भगवान राम ने जिस धरती पर रात बिताई थी आज उस धरती पर खुशियां मनाईं गईं।

Jan 22, 2024 15:40

Short Highlights
  • घर घर में पढ़ा गया सुंदरकांड, मंदिरों में हुई पूजा-पाठ
  • बलिया से श्रीराम का है सदियों पुराना रिश्ता
Ballia News : महर्षि भृगु मुनि की धरती बलिया कभी अयोध्या की राजधानी के काफी करीब थी। यह इस बात से सिद्ध होता है, कि राजकुमार राम विद्या अध्ययन और महर्षि विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा के लिए बलिया होकर ही सिद्धाश्रम (बक्सर-बिहार) गए थे। जिसके बाद उनको दूसरी बार राजा राम के रूप में बलिया आना हुआ था। भगवान राम ने जिस धरती पर रात बिताई थी आज उस धरती पर खुशियां मनाईं गईं। अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही बलिया में रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण देखा गया। वहीं घर-घर में सुंदरकांड पढ़ा गया। मंदिरों में पूजा-पाठ की गई। लोगों ने दोपहर तक उपवास रखकर घरों में दीपक जलाए।

बलिया से पुराना नाता
इस संबंध में इतिहासकार डाॅ. शिवकुमार सिंह कौशिकेय बताते हैं कि "बलिया गजेटियर" में यहां वाल्मिकी आश्रम होना बताया गया है। इसके अनुसार यह वाल्मिकी आश्रम से बालमीकिया हुआ और बालमीकिया से बलिया हो गया था। इसके प्रमाण पचेवं देवी मंदिर में मिलते हैं। इस मंदिर में महारानी सीता अपने दोनों पुत्रों कुश-लव का हाथ पकड़कर आदमकद प्रस्तर प्रतिमा के रूप में प्रतिष्ठित हैं। अयोध्या की परित्यक्त महारानी सीता को लक्ष्मण जी गंगा और तमसा नदी तट पर वाल्मीकि आश्रम के समीप छोड़कर चले गए थे। डाॅ. कौशिकेय ने बताया कि वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड में इसका उल्लेख है, कि जब अयोध्या के सभी युवराज शत्रुघ्न, भरत, लक्ष्मण और हनुमान जी सेना सहित लव-कुश से पराजित हो गए थे। तब राजा राम स्वयं इस धर्मारण्य में आए जहां उनकी भेंट अपने जुड़वा पुत्रों लव-कुश से हुई थी।

यहां भाई के साथ आ चुके हैं राम
बलिया की यह धरती धन्य है, जहां भगवान राम अपने भ्राता लक्ष्मण के साथ आ चुके हैं। यहां माता सीता रह चुकी हैं। इस धरती पर लोग आज रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा पर पूरे दिन पूजा पाठ में डूबे रहे। शाम को भव्य दीपावली के आयोजन की घर-घर में तैयारी चल रही है। जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों ने हनुमानगढ़ी सहित अन्य मंदिरों का निरीक्षण किया। जगह-जगह भजन- कीर्तन एवं भंडारे का आयोजन किया गया।अ

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