आजमगढ़ के गांजा तस्करों का बड़ा नेटवर्क : न्याय विभाग का क्लर्क निकला मास्टरमाइंड, 9 करोड़ का माल जब्त

न्याय विभाग का क्लर्क निकला मास्टरमाइंड,  9 करोड़ का माल जब्त
UPT | Symbolic Photo

Nov 26, 2024 14:53

राम सागर की शातिर योजना का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने 49 प्लास्टिक की बोरियों में 18 कुंतल 30 किलो गांजा छुपाकर एक डंफर में रखा।

Nov 26, 2024 14:53

Azamgarh News : उत्तर प्रदेश एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने हाल ही में कानपुर के जाजमऊ इलाके में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चार गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया। इन गिरफ्तारियों ने प्रदेश में फैले एक बड़े तस्करी नेटवर्क का खुलासा किया है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड आजमगढ़ जिले के सिधारी थाना क्षेत्र के हेंगापुर गांव का रहने वाला राम सागर यादव है।

पद का दुरुपयोग
राम सागर यादव, जो न्याय विभाग में क्लर्क के पद पर कार्यरत है, ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पूरे गिरोह का संचालन किया। वह न केवल अपने पद का उपयोग करता था बल्कि सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह करने के लिए नई-नई तकनीकें अपनाता था।

डंफर में 18 कुंतल गांजा और न्याय विभाग की गाड़ी का इस्तेमाल
राम सागर की शातिर योजना का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने 49 प्लास्टिक की बोरियों में 18 कुंतल 30 किलो गांजा छुपाकर एक डंफर में रखा। इस डंफर को न्याय विभाग की नेमप्लेट लगी गाड़ी एस्कॉर्ट कर रही थी, ताकि किसी को शक न हो। इसके बावजूद, टास्क फोर्स ने कार्रवाई करते हुए इस योजना को नाकाम कर दिया। डंफर के अलावा, राम सागर की निजी गाड़ी, एक ईको स्पोर्ट्स कार (नंबर: UP50 BA 4453), से भी गांजे के दो पैकेट बरामद किए गए। इस कार को चला रहे आरोपी संतोष यादव और उसमें सवार मंगेश यादव दोनों आजमगढ़ के निवासी हैं। वहीं, डंफर का चालक पुंडलिक रायपुर, छत्तीसगढ़ का रहने वाला है।

9 करोड़ से अधिक का गांजा बरामद
चारों आरोपियों के कब्जे से 9 करोड़ 15 लाख रुपये से अधिक मूल्य का गांजा बरामद हुआ। यह कोई पहली घटना नहीं है, जब आजमगढ़ से जुड़े तस्करों का खुलासा हुआ हो। जिले को लंबे समय से गांजा तस्करी का एक प्रमुख केंद्र माना जा रहा है।

प्रदेश में तस्करों का बड़ा नेटवर्क
जांच में पता चला कि राम सागर यादव का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के कई जिलों तक फैला हुआ है। ओडिशा से गांजे की खेप लाने और उसे प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई करने का पूरा तंत्र राम सागर के हाथों में था। उसकी मजबूत पकड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ओडिशा में तस्करों से करोड़ों का माल उधार पर मिल जाता था।



सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह करने की तरकीब
तस्करों ने सुरक्षा एजेंसियों को भ्रमित करने के लिए कई तरीके अपनाए। कभी गाड़ियों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई गईं तो कभी उनमें छुपे हुए कक्ष (कैविटी) बनवाए गए। अप्रैल 2023 में आजमगढ़ में "आर्मी ऑन ड्यूटी" लिखी गाड़ी से गांजे की तस्करी का मामला भी सामने आया था।

ये भी पढ़ें : एटीएम में अब मिलेंगे छोटे नोट : आरबीआई के निर्देश पर बैंकों ने बदली व्यवस्था

क्या कहती हैं अधिकारी
इस ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाली पुलिस उपाधीक्षक डॉ. बीनू सिंह ने बताया कि आरोपी ओडिशा से कम दाम पर गांजा खरीदते थे और उसे उत्तर प्रदेश के भांग की दुकानों और अन्य स्थानों पर बेचते थे। बीनू सिंह ने यह भी बताया कि आरोपियों की मजबूत पकड़ और योजनाबद्ध तरीके से तस्करी करने के कारण वे लंबे समय तक पकड़े नहीं गए।

256 किलोग्राम गांजा बरामद
इससे पहले, 30 सितंबर को यूपी एसटीएफ ने आजमगढ़ में एक अन्य कार्रवाई में 256 किलोग्राम गांजा बरामद किया था। इस मामले में मुख्य आरोपी बृजेश गौड़ था, जो आजमगढ़ के मेंहनगर थाना क्षेत्र का निवासी है। इस गांजे की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 50 लाख रुपये से अधिक आंकी गई।

तस्करों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता
आजमगढ़ और आसपास के जिलों में गांजा तस्करी की बढ़ती घटनाएं सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती बन गई हैं। इन तस्करों के मन में कानून का कोई डर नहीं है, और वे लगातार नए तरीकों से तस्करी को अंजाम दे रहे हैं।

Also Read