पुलिस ने प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले एक अंतरराज्यीय साल्वर गैंग का पर्दाफाश किया है। इस गैंग के मुख्य सरगना सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि छह अन्य आरोपी अभी फरार हैं।
अंतर्राज्यीय साल्वर गैंग का भंडाफोड़ : पुलिस ने गैंग के मुख्य आरोपी समेत चार लोगों को किया गिरफ्तार, छह आरोपी फरार
Jan 06, 2025 18:29
Jan 06, 2025 18:29
बाग लखराव पुल के पास से गैंग के चार लोगों को पकड़ा
आजमगढ़ शहर कोतवाली और एसओजी की संयुक्त टीम ने सोमवार को बाग लखराव पुल के पास से इस गैंग के चार सदस्यों को पकड़ा। गिरफ्तार आरोपियों में गैंग का मुख्य सरगना रामप्रवेश यादव, साल्वर विकास कुमार उर्फ राकेश कुमार, सुनील कन्नौजिया और अंकित गुप्ता शामिल हैं। इनसे एक कार, छह मोबाइल फोन, कूटरचित आधार कार्ड, तीन एडमिट कार्ड और एक प्रश्न पुस्तिका बरामद की गई।
ऐसे काम करता था गैंग
पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने जानकारी दी कि गैंग का संचालन रामप्रवेश यादव और बिहार निवासी दुर्गेश तिवारी द्वारा किया जाता था। यह गैंग परीक्षार्थियों के आधार कार्ड में फोटो बदलकर उनके स्थान पर साल्वर को परीक्षा में बैठाता था।
- डील की प्रक्रिया : प्रतियोगी परीक्षा में अभ्यर्थियों के स्थान पर साल्वर को बैठाने के लिए पांच से दस लाख रुपये में सौदा होता था।
- भुगतान की शर्तें : दो लाख रुपये परीक्षा से पहले और बाकी रकम परीक्षा के बाद ली जाती थी।
- मुख्य भूमिका : दुर्गेश तिवारी बिहार से साल्वर की व्यवस्था करता था और फर्जी आधार कार्ड तैयार कराता था।
गिरफ्तार मुख्य आरोपी रामप्रवेश यादव ने बताया कि गैंग लंबे समय से फर्जी तरीके से लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का काम कर रहा था। उन्होंने यह भी बताया कि साल्वर बैठाने का काम एक संगठित गिरोह के तहत किया जाता था। इस गिरोह में गाजीपुर के बबलू यादव, श्रवण कुमार यादव, और सूर्यकांत कुशवाहा जैसे अन्य सदस्य शामिल थे।
फरार आरोपी
एसपी हेमराज मीना के अनुसार, इस मामले में छह अन्य आरोपियों की पहचान हुई है, जिनमें दुर्गेश तिवारी (बिहार), विक्की कुमार (बिहार), बबलू यादव, श्रवण कुमार, सूर्यकांत कुशवाहा, और अमित कुमार शामिल हैं। ये सभी फरार हैं, और पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।
ऐसे खुला राज
यह मामला शिब्ली नेशनल डिग्री कॉलेज में यूपीसीसीएससीआर 2024-25 की परीक्षा के दौरान खुला।
- परीक्षा केंद्र पर संदिग्ध गतिविधि : कक्ष संख्या-103 में अनूप सागर नामक परीक्षार्थी का आधार वेरिफिकेशन मिलान नहीं हुआ।
- सख्त पूछताछ : जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो उसने अपना असली नाम विकास कुमार बताया। विकास ने स्वीकार किया कि वह पैसे लेकर परीक्षा में बैठा था।
पूरे घटनाक्रम के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। आरोपी विकास कुमार की गिरफ्तारी के बाद पूरे गैंग का भंडाफोड़ हुआ। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।
साल्वर गैंग का नेटवर्क
यह गैंग सिर्फ आजमगढ़ या उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है। इसके तार बिहार और अन्य राज्यों से जुड़े हुए हैं। यह गिरोह तकनीकी रूप से कुशल है और आधार कार्ड में हेरफेर करने में सक्षम है।
पुलिस का संदेश
एसपी हेमराज मीना ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को इस प्रकार की गतिविधि की जानकारी हो तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। प्रशासन परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने और दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस घटना ने प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही धांधली और फर्जीवाड़े को उजागर किया है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने बड़े गैंग का पर्दाफाश किया
यह सिर्फ शिक्षा व्यवस्था के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर समस्या है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने बड़े गैंग का पर्दाफाश किया, लेकिन अभी भी फरार आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी है। यह घटना कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने और परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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