मऊ में जिला चिकित्सालय के डॉक्टर और सपा सांसद के बीच का विवाद एक नया मोड़ ले चुका है। शनिवार को डॉ. सौरभ त्रिपाठी ने दबाव में आकर अपना मुकदमा वापस ले लिया...
मऊ में सपा सांसद के खिलाफ FIR वापस : डॉक्टर ने लिखा पत्र, कहा- मामले में कोई तहरीर नहीं दी गई...
Oct 19, 2024 20:38
Oct 19, 2024 20:38
FIR को वापस लेने के लिए सौंपा पत्र
शनिवार को डॉ. सौरभ त्रिपाठी ने थाना सराय लखंसी में सांसद राजीव राय के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को वापस लेने के लिए एक पत्र सौंपा। पत्र में डॉ. त्रिपाठी ने उल्लेख किया कि 16 अक्टूबर को सांसद के जिला चिकित्सालय निरीक्षण के दौरान उन्होंने अपना स्पष्टीकरण दे दिया था। उन्होंने बताया कि थानाध्यक्ष को एफआईआर दर्ज करने के लिए कोई तहरीर नहीं दी गई थी। ऐसे में इस प्रकरण सबंधी एफआईआर हटाने की कृपा करें, मुझे उस पर बल नहीं देना है।
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जानेंं पूरा मामला
बता दें कि 16 अक्टूबर को स्थानीय सांसद राजीव राय मऊ जिला अस्पताल में शिकायतों के बाद निरीक्षण करने पहुंचे। जब वे ईएनटी डॉक्टर सौरभ त्रिपाठी के केबिन में पहुंचे, तो डॉक्टर ने उन्हें अधिक महत्व नहीं दिया, जिससे दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। इस बीच सांसद के साथ आए लोगों ने डॉक्टर से कई सवाल किए जिसपर डॉक्टर ने सांसद राजीव राय के सामने ये कह दिया कि नेतागिरी अस्पताल के बाहर जाकर करें। इस पर सांसद ने सीएमएस से कहा कि डॉक्टर सक्षम नहीं हैं और उन्हें तुरंत निलंबित करने की मांग की और FIR कराने की चेतावनी दी।
घटना के 48 घंटे के भीतर दर्ज हुआ था मामला
वहीं घटना के 48 घंटे के भीतर सांसद राजीव राय के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। डॉ. सौरभ त्रिपाठी द्वारा पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र के आधार पर थाना सराय लखंसी पुलिस ने सांसद राजीव राय सहित 15 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 221, 132, 352 और 351(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया। डॉ. सौरभ त्रिपाठी ने पुलिस को दिए गए अपने पत्र में बताया कि 16 अक्टूबर की दोपहर को सांसद राजीव राय ने ओपीडी का निरीक्षण किया। इस दौरान सांसद के साथ 10 से 15 लोग उनके कक्ष में प्रवेश कर गए और उन पर अभद्र टिप्पणी करते हुए मानसिक रूप से अस्वस्थ होने का आरोप लगाया।
डॉक्टर ने लगाए ये आरोप
उन्होंने यह भी बताया कि सांसद के साथ आए लोगों ने उनके हाथ से उपकरण छीनकर तोड़ने का प्रयास किया। इसके अलावा, डॉ. त्रिपाठी को "दारूबाज डॉक्टर" कहकर अपमानित किया गया और उन पर आरोप लगाया गया कि वे दारू पीकर ड्यूटी कर रहे हैं। डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि सांसद और उनके साथियों के इस व्यवहार ने उनके आत्मसम्मान को गंभीर ठेस पहुंचाई है और उन्होंने सरकारी कार्य में बाधा डालने का भी आरोप लगाया।
सांसद ने दी यह प्रतिक्रिया
वहीं सांसद ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कार्रवाई सत्ता पक्ष के इशारे पर की गई है, जो भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने का प्रयास है। उन्होंने कहा, "हम इस मुकदमे से डरने वाले नहीं हैं और जनता की लड़ाई को आगे बढ़ाते रहेंगे। न झुकूंगा, न रुकूंगा। " उन्होंने आगे कहा, चाहे कुछ भी हो जाए, हम इस तरह की लापरवाही को नहीं होने देंगे, क्योंकि यह जनता की लड़ाई है और जनता ने हमें चुनकर भेजा है। जो भी डॉक्टर अपने काम में हीला हवाली करेगा और अपने आवास पर बुलाकर मरीजों को देखेगा, ऐसे सभी चिकित्सकों के खिलाफ हम लोग सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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