विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी है।
अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सख्त : यूपी सरकार से मांगा जवाब, हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका
Jul 25, 2024 21:16
Jul 25, 2024 21:16
- अब्बास अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
- राज्य सरकार से कोर्ट ने मांगा जवाब
- हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका
अंसारी की मिलीभगत का आरोप
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि अंसारी, विधानसभा के सदस्य होने के नाते एक जिम्मेदार पद पर हैं और उनका आचरण उच्च स्तर का होना चाहिए। न्यायालय ने यह भी कहा कि सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयानों से प्रथम दृष्टया अंसारी की मिलीभगत का पता चलता है। इसके अलावा, यह भी आरोप लगाया गया कि अंसारी की पत्नी का चालक जेल अधिकारियों की मदद से जेल से अंसारी के भागने की साजिश रच रहा था।
राज्य सरकार से कोर्ट ने मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट में अंसारी की याचिका न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है। यह ध्यान देने योग्य है कि अब्बास अंसारी गैंगस्टर-नेता और कई बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी के बेटे हैं, जिनकी कुछ महीने पहले जेल में मृत्यु हो गई थी।
जिला जेल में अब्बास के साथ पकड़ी गई थी पत्नी
इस मामले में एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही मानवीय आधार पर अंसारी की पत्नी निकहत अंसारी को जमानत दे दी थी। निकहत को चित्रकूट जिला जेल में अब्बास अंसारी से मुलाकात के दौरान पकड़ा गया था, जिसके बाद अब्बास को कासगंज जेल और निकहत को चित्रकूट जेल में रखा गया था। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि सामान्य परिस्थितियों में और कानून के अनुसार, जेल अधिकारी किसी व्यक्ति को ऐसी अप्रतिबंधित पहुंच प्रदान नहीं करते हैं, जो कथित तौर पर अंसारी की पत्नी को दी गई थी।
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