चुनाव के दौरान आपके सामने कुछ ऐसे वीडियो आ सकते हैं जिनमें लोगों को धोखा देकर उनका कीमती वोट हासिल किया जा सकता है। किसी नेता का फर्जी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा सकता है ताकि उनकी छवि खराब की जा सके। ऐसा ही कुछ हुआ है बीजेपी प्रत्याशी निरहुआ के साथ।
फर्जी वीडियो का शिकार हुए निरहुआ : इन नेताओं की छवि भी खराब करने की करी गई कोशिश, चुनाव आयोग से शिकायत
Apr 15, 2024 17:33
Apr 15, 2024 17:33
कांग्रेस नेता अलका लांबा ने सोशल मीडिया पर शेयर किया
अभिनेता से नेता बने दिनेश लाल यादव निरहुआ वायरल हो रहे इस वीडियो में बेरोजगारी के मुद्दे पर टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में कथित तौर पर निरहुआ कह रहे हैं कि बेरोजगारी तो वो लोग बढ़ा रहे हैं जो बच्चे पे बच्चा कर रहा है और सरकार कह रही है तो मान भी नहीं रहा। वीडियो को कांग्रेस नेता अलका लांबा ने सोशल मीडिया पर शेयर किया और तब से यह वायरल हो गया है। इस वीडियो को सोमवार सुबह कई कांग्रेस नेताओं ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया।
हालांकि निरहुआ ने वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि यह एक फर्जी वीडियो है और कांग्रेस ने उन्हें बदनाम करने के लिए एआई साउंड क्लोनिंग का इस्तेमाल किया है।फेक वीडियो प्रमोट करने का ट्रेंड हो गया है @INCIndia वालों का, कोई भी देखकर समझ जाएगा कि ओंठ कुछ और बोल रहा है। AI से साउंड क्लोन करके क्या साबित करना चाहते हैं @srinivasiyc . @ECISVEEP कृपया संज्ञान लें। https://t.co/VdnjaQ1UXN
— Nirahua Hindustani (modi ka parivar) (@nirahua1) April 15, 2024
आज़मगढ़ से भाजपा के उम्मीदवार हैं निरहुआ
दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ भोजपुरी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता हैं और वर्तमान में उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ से सांसद हैं। उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर के बिरहा परिवार से आने वाले निरहुआ 2017 में भाजपा में शामिल हुए और पहली बार 2019 के चुनाव में अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था। निरहुआ आजमगढ़ से भाजपा के प्रत्याशी हैं।
फेक न्यूज और वीडियो पर चुनाव आयोग है सख्त
चुनाव आयोग ने फेक न्यूज पर सख्ती बरती हुई है। इसके बावजूद भी अगर चुनावों/उम्मीदवारों को लेकर किसी भी प्रकार की कोई फर्जी खबर आती है तो उस पर चुनाव आयोग संज्ञान लेता है। फेक न्यूज पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग का एक रजिस्टर है, जिसको 'मिथक बनाम वास्तविकता रजिस्टर'नाम दिया गया है। ये रजिस्टर फेक न्यूज यानी गलत सूचना के प्रसार को रोकने का काम करता है। इसके लिए एक माइक्रोसाइट भी बनाई गई है जिसके जरिए फेक न्यूज पर नजर रखी जा रही है। इसे नियमित अपडेट किया जाता है।
ऐसे काम करता है रजिस्टर
- 'मिथक बनाम वास्तविकता रजिस्टर' चुनाव अवधि के दौरान प्रसारित मिथकों और गलत सूचनाओं को दूर करने के लिए व्यापक तथ्यात्मक जानकारी प्रदान करता है ताकि मतदाता पूरी तरह से सूचित हो और चुनाव संबंधी निर्णय लेने में सक्षम हो।
- इसे उपयोगकर्ता के अनुकूल फार्मेट में डिज़ाइन किया गया है। इसमें ईवीएम/वीवीपीएटी, मतदाता सूची/मतदाता सेवाओं, चुनाव आचरण और अन्य के बारे में मिथकों और गलत सूचना के क्षेत्रों को व्यापक रूप से शामिल किया गया है।
- यह रजिस्टर पहले से ही उजागर चुनाव संबंधित फर्जी जानकारी, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले संभावित मिथकों, महत्वपूर्ण विषयों पर पूछे जाने वाले प्रश्न और सभी हितधारकों के लिए विभिन्न अनुभागों के तहत संदर्भ सामग्री पर जानकारी प्रदान करता है।
पिछले साल नवंबर में तेलंगाना में हुए चुनाव में बीआरएस पार्टी के मुखिया व राज्य के तत्कालीन सीएम के चंद्रशेखर राव का भी डीपफेक वीडियो बनाया गया था। जिसमें वो कांग्रेस के पक्ष में वोट करने के लिए कहते नजर आ रहे थे। इसके अलावा पिछले साल नवंबर में राजस्थान चुनाव के दौरान वहां के पूर्व सीएम अशोक गहलोत की आवाज में व्हाट्सएप से उनके नाम से कॉल की गई थी। ये कॉल पूरी तरह फर्जी थी।
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