बरेली नगर निगम में विज्ञापन टेंडर घोटाला : पीएमओ पहुंचा काला चिट्ठा, जानें पूरा मामला..

पीएमओ पहुंचा काला चिट्ठा, जानें पूरा मामला..
UPT | नगर निगम बरेली

Dec 10, 2024 01:41

बरेली नगर निगम ने शहर में होर्डिंग्स, यूनिपोल और विज्ञापन लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी। आरोप है कि इस प्रक्रिया में नियमों का खुला उल्लंघन किया गया। टेंडर देने में पारदर्शिता का अभाव रहा, और कुछ खास कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए मनमानी शर्तें लगाई गईं।

Dec 10, 2024 01:41

Bareilly News : यूपी के बरेली नगर निगम में विज्ञापन टेंडर को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं की गईं हैं। इससे सरकारी राजस्व को बड़ा नुकसान होने की बात सामने आई है। मगर, अब यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ)\तक पहुंच गया है और घोटाले की जांच की मांग जोर पकड़ रही है। अफसरों ने न हाईकोर्ट के आदेशों की परवाह की और न शासन की फटकार का असर दिखा। विज्ञापन एजेंसी को फायदा पहुंचाने के लिए नगर निगम अफसरों ने सारी हदें पार कर दी। मनमानी ऐसी कि ठेकेदार की फर्म का फिर से नवीनीकरण करवा दिया गया है।

जानें विज्ञापन टेंडर घोटाला 
बरेली नगर निगम ने शहर में होर्डिंग्स, यूनिपोल और विज्ञापन लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी। आरोप है कि इस प्रक्रिया में नियमों का खुला उल्लंघन किया गया। टेंडर देने में पारदर्शिता का अभाव रहा, और कुछ खास कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए मनमानी शर्तें लगाई गईं। पीएमओ को भेजी शिकायत में कहा गया है कि शहर में विज्ञापन के लिए नगर निगम ने मैसर्स एडटैक प्रिंट एंड मीडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को 2022 में ठेका दिया। नगर निगम ने मैसर्स एडटैक प्रिंट एंड मीडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को 4.11 करोड़ का ठेका 100 रुपये के स्टांप पर कर दिया। फर्म टेंडर की अवधि 31 मई 2024 को समाप्त हो गई, लेकिन सांठगांठ कर नगर निगम ने फर्म का नवीनीकरण कर दिया, जबकि नियमानुसार पहले टेंडर निकालना था, जो नहीं किया।शिकायतकर्ताओं का कहना है कि टेंडर की शर्तें इतनी जटिल और मनमाने ढंग से बनाई गईं कि कई योग्य कंपनियां इस प्रक्रिया से बाहर हो गईं। 

उच्च न्यायालय ने किया रद्द
नगर निगम के हरीश कुमार का कहना है कि 22 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट ने नगर निगम में प्रचलित विज्ञापन उपविधि 2020 (बायलॉज) को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। कोर्ट ने विज्ञापन टेंडर 2022-23 को भी निरस्त कर दिया था। हाईकोर्ट ने नगर निगम, बरेली द्वारा निर्धारित अधिनियम के अनिवार्य प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए उपविधि 2020 अधिसूचित किए जाने के मामले में कहा था कि जब किसी कानून में किसी कार्य को करने का एक विशेष तरीका बताया जाता है, तो उस कार्य को उसी तरीके से किया जाना चाहिए या बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए।इसके अलावा तय शुल्क से कम दरों पर टेंडर आवंटित किए गए। इसमें सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। इस घोटाले की शिकायत पीएमओ में की गई है।

नगर निगम के कई पूर्व अफसरों पर लटकी कार्रवाई की तलबार
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी तत्कालीन नगर आयुक्त ने अपने पद का दुरुपयोग कर विज्ञापन टेंडर 2022-23, जिसकी अवधि 31 मई 2024 को समाप्त हो गई थी। इसको पुन: टेंडर आमंत्रित न करके विज्ञापन टेंडर 2022-23 को अगले दो वर्ष के लिए नवीनीकरण कर दिया। नगर निगम बरेली के संबंधित वरिष्ठ अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग करके विज्ञापन टेंडर को निरस्त करके अवैध रूप से चलवा रहे हैं।अधिकारियों ने शासन को भी गलत आख्या भेज दी। इस प्रकरण में शामिल पूर्व नगर आयुक्त, पूर्व अपर नगर आयुक्त व वरिष्ठ प्रभारी विज्ञापन एवं पूर्व सहायक नगर आयुक्त और प्रभारी विज्ञापन हैं। मगर, तत्कालीन नगर निगम के अफसरों ने अपने पद का दुरुपयोग कर जिम्मेदार अधिकारियों को बचा दिया है। मगर, अब शिकायत में टेंडर प्रक्रिया में सभी गड़बड़ियों के सभी सबूत और दस्तावेज पेश किए गए।

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