दरगाह से जारी पैगाम में कहा गया है कि 17 जून को ईद-उल-अजहा मनाई जाएगी। 8 जून को इस्लामिक कैलेंडर के जिलहज्जा महीने की पहली तारीख थी। उसी दिन चांद नजर आया था। अब जिलहज्जा की दस तारीख को ईद मनाई जाती है, जो इस बार 17 जून को पड़ रही है।
नजर आया चांद : दरगाह आला हजरत से बकरीद का ऐलान, 17 जून को ईद-उल-अजहा
Jun 10, 2024 21:54
Jun 10, 2024 21:54
दरगाह से जारी पैगाम में कहा गया है कि 17 जून को ईद-उल-अजहा मनाई जाएगी। 8 जून को इस्लामिक कैलेंडर के जिलहज्जा महीने की पहली तारीख थी। उसी दिन चांद नजर आया था। अब जिलहज्जा की दस तारीख को ईद मनाई जाती है, जो इस बार 17 जून को पड़ रही है। ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करने के बाद कुर्बानी का दौर शुरू होगा। यह तीन दिन तक चलता है। कुर्बानी की रस्म हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने अपने बेटे हजरत इस्माईल अलैहिस्सलाम को खुदा की राह में कुर्बान करने के इरादे से की थी। है। इसी जज्बे और इरादे का इजहार करने के लिए मुसलमान कुर्बानी की रस्म अदा करता है।ईद-उल-अजहा की ये तारीख केवल बरेली क्षेत्र के लिए है। मगर, बाकी शहरों और जिलों के लोग अपने यहां के शहर काजी के ऐलान पर अमल करें।
कुर्बानी के लिए बकरों की खरीदारी शुरू
शहर से लेकर देहात तक बकरों और कुर्बानी के जानवरों की खरीदारी शुरू हो गई है। इसके साथ ही बाजार में सेवई भी आ गई है। बाजार में भी सेवई की बिक्री शुरू हो गई है।
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