बरेली में सोमवार को अधिवक्ताओं (वकीलों) का गुस्सा फूट गया। उन्होंने बार काउंसिल ऑफिस से लेकर कलेक्ट्रेट तक विरोध में जुलूस निकाला।
बरेली में अधिवक्ताओं का गुस्सा फूटा : गाजियाबाद के जिला जज के खिलाफ प्रदर्शन और निलंबन की मांग
Nov 04, 2024 21:28
Nov 04, 2024 21:28
गुस्से में नजर आए अधिवक्ता
बरेली के अधिवक्ता संविधान की रक्षा के प्रति संवेदनशील हैं और उन्होंने आरोप लगाया कि जब संविधान के रखवाले ही कानून का उल्लंघन करेंगे, तो संविधान की सुरक्षा कैसे संभव है। इसी नाराजगी के चलते अधिवक्ताओं ने सुबह ही कार्य बहिष्कार का ऐलान किया। दीपावली की छुट्टियों के बाद कचहरी खुलने पर भीड़ जुटी थी, लेकिन 29 अक्टूबर को गाजियाबाद के जिला जज की अदालत में वकीलों पर लाठी चार्ज की घटना ने उन्हें और भी आक्रोशित कर दिया। अधिवक्ता इस घटना से काफी गुस्से में थे और उन्होंने अपनी नाराजगी को व्यक्त किया।
राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा
बरेली के अधिवक्ताओं ने जिला जज के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और इसके बाद जिलाधिकारी (डीएम) को राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। बरेली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज हरित और सचिव वीपी ध्यानी के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने गाजियाबाद पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी अपना विरोध व्यक्त किया। एकत्रित होकर अधिवक्ता जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने डीएम रविंद्र कुमार को ज्ञापन दिया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर संकल्प व्यक्त किया कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे आगे आंदोलन जारी रखेंगे।
यह रखीं मांग
इस दौरान अधिवक्ताओं ने ज्ञापन में मांग की, क्यों, 29 अक्टूबर को गाजियाबाद के जिला जज की अदालत में निहत्ते वकीलों पर लाठी चार्ज किया गया। बेरहमी से पीटने के कारण कई वकील घायल हो गए थे। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज हरित, सचिन बीपी ध्यानी ने मांग की की गाजियाबाद के जिला जज को अभिलंब निलंबित किया जाए। इसके साथ जिला जज के खिलाफ अबमानना की कार्रवाई भी शुरू की जाए। वकीलों ने यह भी मांग की कि दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई की जाए। ज्ञापन में यह भी मांग की गई की घायल वकीलों को मुआवजे के रूप में पांच लाख रुपए दिए जाएं। प्रदर्शन के दौरान शिरीष मेहरोत्रा, धर्मवीर यादव, अमित बिसारिया, मोहम्मद इरफान, मनोज शुक्ला, सुधीर सिंह सहित बड़ी संख्या में वकील मौजूद रहे।