मेडिकल कॉलेज की खिड़की से कूदकर मरीज ने दी जान : परिजनों ने स्टाफ पर लगाया लापरवाही का आरोप, पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं

परिजनों ने स्टाफ पर लगाया लापरवाही का आरोप, पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
UPT | बदायूं मेडिकल कॉलेज

Dec 06, 2024 20:17

बदायूं राजकीय मेडिकल कॉलेज में संभल जिले के सुभाष ने टीवी वार्ड की चौथी मंजिल की खिड़की से कूदकर आत्महत्या कर ली। मरीज के पिता किशन लाल ने गंभीर आरोप लगाए हैं...

Dec 06, 2024 20:17

Budaun News : बदायूं राजकीय मेडिकल कॉलेज में संभल जिले के सुभाष ने टीवी वार्ड की चौथी मंजिल की खिड़की से कूदकर आत्महत्या कर ली। मरीज के पिता किशन लाल ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि अस्पताल के स्टाफ ने उनके बेटे की पीड़ा की पूरी परवाह नहीं की। उन्होंने बताया कि गुरुवार की रात उनका बेटा दर्द से बेहद परेशान था और स्टाफ से दवा देने या अन्य अस्पताल में रेफर करने की मांग की गई थी। लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने न तो दवा दी और न ही उन्हें किसी अन्य अस्पताल में भेजा। बेड नंबर 15 पर भर्ती सुभाष ने खिड़की से कूदकर अपनी जान दे दी। घटना के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया और स्टाफ ने जल्दबाजी में मृतक के शव को मोर्चरी में रखवा दिया। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि सुभाष टीवी रोग से परेशान था और बार-बार बेड से भागने की कोशिश कर रहा था। उसे करीब तीन बजे सांस फूलने पर इंजेक्शन भी दिया गया था।

एक और मरीज भी हुई मौत
इसी अस्पताल में एक अन्य मामला सामने आया है जहां प्रहलाद नाम के एक मरीज की भी गुरुवार रात में मौत हो गई। उनके परिवार ने भी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि जब प्रहलाद को भर्ती कराया गया तो उन्हें कुछ दवाइयां दी गईं, लेकिन जब उन्हें परेशानी हुई तो अस्पताल के कर्मचारियों ने उन पर ध्यान नहीं दिया। इससे प्रहलाद की मौत हो गई। 



परिजनों ने लगाए अस्पताल पर आरोप
कासगंज जिले के एक अन्य मरीज गंगा सिंह के पिता राम खिलाड़ी ने भी अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उनके बेटे के हाथ में सूजन आ गई है और स्टाफ उनकी परेशानी की परवाह नहीं करता। ये घटनाएं स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि अस्पताल में मरीजों की देखभाल और सुरक्षा गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।

प्रशासन ने नहीं की कोई ठोस कार्रवाई
मेडिकल कॉलेज में पहले भी कई बार खिड़की से कूदकर आत्महत्या की घटनाएं हो चुकी हैं। दो मरीज मानसिक रोग के कारण पहले से ही खिड़की से कूद चुके थे। मार्च 2024 में एक अन्य घटना में इलाज के दौरान एक व्यक्ति ने खिड़की से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन इन लगातार हो रही घटनाओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। प्रभारी सीएमएस ज्ञानेंद्र कुमार ने स्वीकार किया है कि ये घटनाएं दुखद हैं और निर्माण निगम को खिड़कियों पर ग्रिल लगाने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यह स्थिति न केवल मरीजों के लिए खतरनाक है, बल्कि पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाती है।

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