बदायूं में 17 साल पुराने हत्या और डकैती मामले में न्याय की देर से जीत हुई है। विशेष न्यायालय (डकैती) ने एक ही परिवार और उससे जुड़े 14 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
17 साल बाद हत्या केस में आया फैसला : एक ही परिवार के 14 लोगों को उम्रकैद, कुल्हाड़ी से काटकर किया था मर्डर
Jul 26, 2024 18:15
Jul 26, 2024 18:15
- 17 साल बाद हत्या केस में आया फैसला
- एक ही परिवार के 14 लोगों को उम्रकैद
- कुल्हाड़ी से काटकर किया था मर्डर
जानिए क्या है पूरा मामला
पान सिंह के पिता हरपाल सिंह ने दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया था कि 15 फरवरी 2007 की सुबह आठ बजे राधेश्याम के परिजनों ने बदला लेने के लिए उनके घर पर हमला किया। हमलावरों ने फायरिंग करते हुए घरों में रखा सामान, बच्चों के जेवर, कपड़े आदि लूट लिए। जाते समय वे पान सिंह को घर से खींचकर ले गए और मंदिर के पास कुल्हाड़ी से काटकर उसकी हत्या कर दी। हरपाल सिंह की रिपोर्ट पर हत्या और डकैती की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। शुरू में 12 लोगों को नामजद किया गया था, बाद में पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल करते समय चार और नाम जोड़े। कुल 16 आरोपियों में से दो की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई।
आजीवन कारावास की सुनाई गई सजा
23 जुलाई को विशेष न्यायाधीश रेखा शर्मा ने राधेश्याम के सगे भाई उरमान समेत 14 लोगों को दोषी करार दिया था। बृहस्पतिवार को सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। छह दोषियों पर 50-50 हजार रुपये और आठ पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। दोषियों में राधेश्याम का भाई उरमान, धर्म सिंह, चाचा भरोसे, चचेरा भाई अतर सिंह तथा परिवार से जुड़े राम सिंह, नरेश, भगवान सिंह, विनीत, प्रेम सिंह शामिल हैं। इनके अलावा मझोला के वीरपाल, वंशीपुर गांव के बलवीर, गोबरा निवासी टीटू, बहजोई थाना क्षेत्र के गांव कैलमुंडी निवासी धर्मवीर और श्रीपाल को भी सजा सुनाई गई है।
लंबे इंतजार के बाद मिला न्याय
इस फैसले ने पान सिंह के परिवार को लंबे इंतजार के बाद न्याय दिलाया है। पान सिंह की पत्नी सौद्रा ने कहा कि 17 साल बाद उनके कलेजे को ठंडक मिली है। उन्होंने बताया कि पान सिंह की हत्या के समय उनका एक बेटा वेदप्रकाश दो साल का था और वह गर्भवती थीं। दो महीने बाद उन्होंने दूसरे बेटे अखिलेश को जन्म दिया, जिसने कभी अपने पिता को नहीं देखा। सौद्रा ने अकेले ही दोनों बेटों की परवरिश की। पान सिंह के पिता हरपाल ने भी अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले 17 सालों में उन्होंने भरपेट खाना नहीं खाया और हर स्तर पर मुकदमे की पैरवी की। उन्होंने कहा कि भगवान हमेशा न्याय करता है।
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