बरेली में जमीन के लालच में हत्या करने वाले पिता-पुत्र को फांसी की सजा सुनाई गई है। यह हत्या 10 साल पहले 36 बीघा बेशकीमती जमीन हड़पने को लेकर...
बरेली में हत्या करने वाले पिता-पुत्र को फांसी की सजा : दस साल पहले 36 बीघा जमीन के लालच में बहाया था खून, जानें मामला...
Dec 24, 2024 22:24
Dec 24, 2024 22:24
भतीजे ने मारी गोली, फिर पिता ने फरसे से काट दी गर्दन
बरेली देहात के बहेड़ी कोतवाली थाना क्षेत्र के भोजपुर गांव निवासी मोनू उर्फ तेजपाल ने चाचा चरन सिंह के तमंचे से सीने में गोली मारी, तो वहीं उसके पिता रघुवीर ने फरसे से गर्दन काट दी थी। सरकारी वकील दिगंबर पटेल और सौरभ तिवारी ने बताया कि वादी रघुवीर सिंह ने प्रभारी निरीक्षक बहेड़ी को तहरीर देकर बताया था कि उसका छोटा छोटा चरन सिंह (42 वर्ष) अविवाहित था। वह मामा भूप सिंह के घर मीरगंज थाना क्षेत्र के हल्दी खुर्द गांव में करीब आठ साल से रह रहा था। मामा के कोई औलाद नहीं होने पर उन्होंने अपनी सारी संपत्ति उसकी मां ओमवती के नाम कर दी थी। उसका भाई चार दिन पहले घर आया था। जमीन नाम न होने से उसके बड़े मामा का लड़का हरपाल रंजिश मानता था। जिसके चलते हत्या कर दी।
पूजा कर लौटने के दौरान की थी हत्या, फर्जी दर्ज कराई रिपोर्ट
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13 गवाहों की गवाही से फांसी की सजा
मुकदमें की सुनवाई के दौरान कोर्ट में अभियोजन ने 13 गवाह पेश किए थे। जिसके चलते पांच गवाह मृतक की मां ओमवती उर्फ सोमवती, मृतक का सौतेला भाई धर्मपाल सिंह, हरपाल सिंह, अतर सिंह और नत्थू लाल अदालत में गवाही के दौरान अपने बयान से मुकर गए थे। मगर, विवेचना के दौरान गवाहों ने पुलिस को शपथ पत्र दिया। मृतक के जीजा प्रवीर सिंह (चश्मदीद गवाह) और बहन सरोज अदालत में अपने बयान पर अड़े रहे थे। उनकी गवाही पिता-पुत्र की सजा का आधार बनी। आलाकत्ल तमंचा समेत 24 सबूत अभियोजन ने कोर्ट में पेश किए थे। इसमें बाद फांसी की सजा सुनाई गई।
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