बरेली में कोर्ट के आदेश पर दो प्रमुख अस्पतालों, भास्कर अस्पताल और सुमंगल डेंटल केयर का लाइसेंस कैंसिल करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। यह कदम एक मरीज द्वारा की गई शिकायत और 10 साल के संघर्ष के बाद उठाया गया है, जिससे उसे अंततः न्याय मिला।
10 साल बाद इंसाफ : कोर्ट के आदेश पर बरेली के दो बड़े अस्पतालों का लाइसेंस होगा रद्द, जानें मामला
Jan 19, 2025 16:29
Jan 19, 2025 16:29
निजी अस्पतालों ने नहीं दिया रिकॉर्ड
बरेली देहात के भमोरा थाना क्षेत्र के चंपातपुर गांव निवासी राजवीर 18 मई, 2013 को चौपला से घर जा रहे थे। इसी दौरान कुष्ठ आश्रम के पास एक टेंपो पलट गया। इससे राजवीर को गंभीर चोटें आई थीं। उनका भास्कर और सुमंगल अस्पताल में इलाज चला। इलाज के दौरान उनके दाएं पैर को काटना पड़ा था। राजवीर ने अपने वकील हरिश चंद्र भाटिया के माध्यम से वर्ष 2014 में मुआवजा के संबंध में अधिकरण में याचिका दायर की। कोर्ट ने दोनों अस्पतालों को कई बार पत्र भेजे। मगर, इलाज के रिकॉर्ड नहीं दिए गए। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी क्षितिज कुमार श्रीवास्तव ने इलाज के रिकार्ड न देने पर सीएमओ को भास्कर अस्पताल के प्रबंधक और सुमंगल डेंटल केयर व ट्रामा सेंटर के डायरेक्टर का लाइसेंस कैंसिल करने का आदेश दिया है।
कोर्ट के आदेश पर एक्शन में सीएमओ
कोर्ट का आदेश मिलने के बाद सीएमओ डॉ.विश्राम सिंह एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने भास्कर अस्पताल के प्रबंधक ओपी भास्कर और सुमंगल डेंटल केयर एवं ट्रामा सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर आशीष अग्रवाल का लाइसेंस कैंसिल करने की कवायद शुरू कर दी है। मगर, इस कार्रवाई से डॉक्टर में हड़कंप मच गया है।
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