बरेली में पुलिस ने लेखपाल मनीष कश्यप के हत्याकांड का एक दिन पहले खुलासा कर दिया है। इसमें पुलिस ने आरोपी ओमवीर उर्फ अवधेश और नन्हे को गिरफ्तार किया है, जबकि इस मामले में आरोपी सूरज और नेत्रपाल अभी फरार हैं। लेखपाल का कंकाल रविवार को मिर्जापुर गांव में सुनसान इलाके में नाले से बरामद हुआ था। आरोपियों ने उसका 27 नवंबर को अपहरण कर हत्या कर दी थी।
बरेली में लेखपाल के कातिल का कबूलनामा : दो बीवियों के खर्च और कर्ज के बोझ तले मनीष कश्यप को मार डाला, जानें पूरी साजिश
Dec 17, 2024 10:57
Dec 17, 2024 10:57
चार लाख की मांगनी थी फिरौती
आरोपी ने बताया कि लेखपाल मनीष कश्यप का अपहरण कर चार लाख रुपये की फिरौती मांगनी थी, लेकिन फिरौती मांगने से पहले पुलिस ने आरोपी ओमवीर को गिरफ्तार कर लिया। ओमवीर की निशानदेही पर पुलिस ने लेखपाल के कंकाल को बरामद कर लिया। ओमवीर के ऊपर पहले से तीन मुकदमे चल रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही वह जेल से जमानत पर बाहर आया है। उसकी जमानत में भी काफी रुपया खर्च हुआ था। इस वजह से ओमवीर पर काफी कर्ज हो गया है। ओमवीर ने एक कार भी फाइनेंस कराई थी। इसकी ईएमआई भी उसको देनी पड़ती थी, तो वहीं दो बीवियां होने की वजह से खर्च और अधिक बढ़ गया था। एक पत्नी उसकी नोएडा में रहती है, तो दूसरी बरेली में।
आरोपी का परिचित था लेखपाल
पुलिस पूछताछ में ओमवीर ने बताया कि आर्थिक तंगी बहुत ज्यादा चल रही थी। इस कारण उसने लेखपाल का अपहरण किया। पुलिस पूछताछ में ओमवीर ने बताया कि लेखपाल मनीष कश्यप मेरी जात का होने के कारण मेरा पूर्व से ही परिचित था। लेखपाल की तैनाती तहसील फरीदपुर में होने के कारण मैं उनका छोटा-मोटा काम कर देता था। इसके बदले में मुझे कुछ कमीशन मिल जाता था। उसने योजना में शामिल लोगों के नाम भी खोले।
शराब पिलाने के बहाने बुलाया
आरोपी ने बताया कि उसने 27 नवंबर को लेखपाल मनीष कश्यप को फोन पर शराब पिलाने के बहाने मिलने को बुलाया था। सूरज ने अपने मफलर से लेखपाल मनीष कश्यप का गला कसकर उसकी हत्या कर दी। नशा ज्यादा होने के कारण लेखपाल मनीष कश्यप विरोध नहीं कर सका। आरोपी ने बताया कि उसका फिरौती मांगने का प्लान बना रहे थे। उससे पहले ही हमको पुलिस ने पकड़ लिया।
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