Bareilly News : अधीक्षक अभियंता की कार्रवाई से हडकंप, एक जेई सस्पेंड, दो संविदा कर्मचारी बर्खास्त, जानें पूरी डिटेल

अधीक्षक अभियंता की कार्रवाई से हडकंप, एक जेई सस्पेंड, दो संविदा कर्मचारी बर्खास्त, जानें पूरी डिटेल
UPT | अधीक्षक अभियंता ज्ञानेंद्र सिंह का फोटो।

Nov 20, 2024 20:59

बरेली में बिजली विभाग अपनी भ्रष्टाचार की कार्यशैली के लिए इन दिनों सुर्खियों में है। यहां नया मामला आंवला ग्रामीण क्षेत्र से सामने आया है...

Nov 20, 2024 20:59

Bareilly News : यूपी के बरेली में बिजली विभाग अपनी भ्रष्टाचार की कार्यशैली के लिए इन दिनों सुर्खियों में है। यहां नया मामला आंवला ग्रामीण क्षेत्र से सामने आया है। जिसके चलते एक जेई को सस्पेंड किया गया है, तो वहीं भमोरा क्षेत्र के दो संविदा कर्मियों के खिलाफ बर्खास्त की कार्रवाई की गई है।



हालांकि, लगातार मिली शिकायतों के बाद भी चीफ इंजीनियर कोई भी कार्रवाई नहीं कर सके। सूत्रों की मानें, तो चीफ इंजीनियर मुख्यालय पर उपस्थित नहीं थे। शायद इस वजह से इतनी बड़ी करवाई हुई है। अगर, वे मुख्यालय उपस्थित होते, तो शायद सस्पेंशन रुक जाता। अधीक्षक अभियंता ज्ञानेंद्र सिंह ने अपने सस्पेंड लेटर में लिखा है कि सरकारी काम में रुचि ना लेना, बिल राजस्व ना वसूलना और कटे हुए कनेक्शन को पैसे लेने के बाद दोबारा जोड़ देना। ऐसे संविदा कर्मचारियों को विभाग में कोई काम नहीं है। ऐसे लोगों की सेवाएं समाप्त की जाएं। अधीक्षक अभियंता ने ऐसे दोनों संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की है।

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भ्रष्टाचार और कर्तव्य पालन में लापरवाही का आरोप
बताते चलें कि काफी समय से विभाग की मनमानी, कमीशन खोरी आए दिन होती रहती हैं। इसके बाद भी आज तक चीफ इंजीनियर बरेली रणविजय सिंह ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सके। बरेली जिले में बिजली विभाग के एक जूनियर इंजीनियर (जेई) को भ्रष्टाचार और कर्तव्य पालन में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। 

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जेई के खिलाफ भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप
बरेली देहात के आंवला ग्रामीण क्षेत्र के मानपुरा विद्युत उपकेंद्र में तैनात जेई सुनील कुमार पर स्थानीय निवासियों और उपभोक्ताओं ने भ्रष्टाचार और कर्तव्य पालन में लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए थे। आरोप था कि वह ट्रांसफार्मर की मरम्मत, नए कनेक्शन की मंजूरी और बिजली बिलों में हेरफेर के नाम पर रिश्वत मांगता था। इसके अलावा वह बिजली चोरी रोकने में नाकाम रहा और कई अवैध कनेक्शनों को नजरअंदाज करता था। इस पर अधीक्षक अभियंता ज्ञानेंद्र सिंह ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए। जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद जेई को निलंबित कर दिया है।उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के अधिकारियों के खिलाफ विभाग में कोई जगह नहीं है और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दो संविदा कर्मी बर्खास्त
बरेली देहात के भमोरा क्षेत्र के 33 केवी बिजली घर में तैनात दो संविदा कर्मचारी मुकेश कुमार और राजीव शर्मा को भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण बर्खास्त कर दिया गया है। अधीक्षक अभियंता ने कहा कि इन कर्मचारियों का काम विभागीय कार्यों में पारदर्शिता बनाए रखना था, लेकिन इनकी लापरवाही और अनियमितताओं के चलते उन्हें सेवा से हटा दिया गया।

भ्रष्टाचार से जुड़े सभी मामलों की भी होगी जांच
जांच के बाद अधीक्षक अभियंता ने तुरंत प्रभाव से जेई को निलंबित कर दिया। विभाग ने उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है और भ्रष्टाचार से जुड़े सभी मामलों की विस्तृत पड़ताल की जा रही है। बिजली विभाग के अधीक्षक अभियंता ने मीडिया को बताया कि जेई के खिलाफ भ्रष्टाचार और लापरवाही की कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं। जांच में आरोप सही पाए गए। ऐसे अधिकारियों को विभाग में रहने का कोई अधिकार नहीं है। विभाग उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। निलंबन के बाद क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है। उनका कहना है कि इस कदम से विभाग में पारदर्शिता बढ़ेगी और बाकी अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेंगे।

जानें क्या बोले लोग
एक स्थानीय निवासी ने कहा कि हम लंबे समय से जेई की शिकायत कर रहे थे, लेकिन अब जाकर कार्रवाई हुई। उम्मीद है कि आगे से इस तरह की अनियमितताएं नहीं होंगी। बिजली विभाग ने मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है। यह टीम जेई के भ्रष्टाचार से जुड़े अन्य मामलों की भी जांच करेगी। यदि जांच में वित्तीय हेरफेर और अन्य गंभीर आरोप साबित होते हैं, तो जेई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 550000 कनेक्शन
अधीक्षक अभियंता ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 550000 कनेक्शन हैं और इन कनेक्शनों की रीडिंग लेने की जिम्मेदारी महज 550 कर्मचारियों पर है। इसके चलते एक कर्मचारी पर लगभग 1000 मीटर की रीडिंग लेने की जिम्मेदारी है। उन्होंने मीटर रीडिंग कंपनी के कर्मचारियों से वीडियो कॉल के जरिए मीटिंग की और कहा कि यदि किसी भी कर्मचारी ने समय पर रीडिंग नहीं दी या भ्रष्टाचार किया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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