मृतका की मां तबस्सुम ने 28 मई 2022 को बहेड़ी कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि उनकी बेटी तरन्नुम (18 वर्ष) पड़ोस के साहिब से निकाह करना चाहती थी। उनमें प्रेम-प्रसंग चल रहा था।
बेटी की हत्या के मामले में पिता और ताऊ को आजीवन कारावास : प्रेम विवाह करने के खिलाफ थे हत्यारोपी, इसलिए उतार दिया मौत के घाट
Apr 04, 2024 14:05
Apr 04, 2024 14:05
बेटी की गला दबाकर की थी हत्या
मृतका की मां तबस्सुम ने 28 मई 2022 को बहेड़ी कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि उनकी बेटी तरन्नुम (18 वर्ष) पड़ोस के साहिब से निकाह करना चाहती थी। उनमें प्रेम-प्रसंग चल रहा था। जिसके चलते याकूब उर्फ अन्ने के पुत्र साहिब के साथ तरन्नुम घर से चली गई थी। कुछ दिन गायब रहने के बाद घर लौट आई, लेकिन मामला दो बिरादरियों का था, इसलिए पति नफीस और जेठ आजाद ने बेटी के निकाह से इंकार कर दिया। लेकिन तरन्नुम निकाह के जिद पर अड़ी थी। उसको काफी समझाया। इसके बाद वह कमरे में चली गई। रात में दो-तीन बजे के करीब नफीस और आजाद हुसैन ने कमरे में जाकर बेटी को समझाया, लेकिन वह नहीं मानी। जिसके चलते जेठ उसका गला दबाने लगे। वह छटपटा रही थी तो मेरे पति ने उसका हाथ पकड़ लिए। तबस्सुम ने बताया कि मैंने अपने पति और जेठ से काफी मिन्नतें की, लेकिन वह नहीं माने और बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी।
सात गवाह किए पेश
इस मामले में कोर्ट में सात गवाह पेश किए गए। बुधवार को अपराध संख्या 420/ 2022 में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुमार गौरव ने धारा 302 और धारा 34 के अपराध में आरोपी आजाद हुसैन को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर 1 वर्ष का साधारण कारावास की सजा होगी। इसके अलावा आरोपी नफीस को धारा 302 और धारा 34 में आजीवन कारावास के साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह राशि जमा न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास से दंडित किया गया है। इस मामले में एडीजीसी क्राइम सुरेश बाबू साहू ने पीड़ित का मजबूत पक्ष रखा।
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