केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के डॉ. भीमराव अंबेडकर वाले बयान पर रामभद्राचार्य ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने ही अंबेडकर से इस्तीफा दिलवाया था। हम लोग तो उनका सम्मान करते हैं, लेकिन नेहरू ने ही उनका उत्पीड़न किया।
जगदगुरु रामभद्राचार्य ने दिया बड़ा बयान : बोले-वो 25-25 बच्चे पैदा करें और हिंदुओं पर प्रतिबंध लगाए जाएं, यह उचित नहीं
Dec 26, 2024 21:15
Dec 26, 2024 21:15
- मुस्लिम भारत में रहें, लेकिन हमारे अस्तित्व का सम्मान करते हुए रहें
- अंबेडकर ने मनुस्मृति फाड़कर गलत किया था, मैं उनके सामने होता तो सही अर्थ समझाता
मनुस्मृति भारत का पहला सविंधान है
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के डॉ. भीमराव अंबेडकर वाले बयान पर रामभद्राचार्य ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने ही अंबेडकर से इस्तीफा दिलवाया था। हम लोग तो उनका सम्मान करते हैं, लेकिन नेहरू ने ही उनका उत्पीड़न किया। उनको हरवाया गया। उन्होंने कहा कि मैं खुद डॉ. भीमराव अंबेडकर का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन उन्होंने मनुस्मृति को फाड़कर गलत किया था। मनुस्मृति में कहीं भी ऊंच-नीच की बात नहीं की गई थी। मनुस्मृति भारत का पहला सविंधान है। अगर वो मेरे सामने होते तो मैं उन्हें मनुस्मृति का सही अर्थ बताता। उसमें नारी का सम्मान करना बताया गया है।
अधिकार मांगना पाप नहीं
रामभद्राचार्य ने कहा कि मैं हिंदू धर्म का आचार्य हूं। गदगुरु हूं। हिंदू धर्म पर मेरा अनुशासन होता है न कि मोहन भागवत का। भागवत एक संगठन के प्रमुख हैं। उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। सर्वे को लेकर उन्होंने कहा कि हम सर्वे के आधार पर ही मंदिरों की मांग कर रहे हैं। अधिकार मांगना पाप नहीं है। हमें नेता नहीं बनना है। हम अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जहां-जहां सर्वे से मंदिर के सबूत मिलेंगे, वहां हम संघर्ष करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हम हिंदुओं को उकसा नहीं रहे हैं। आत्मरक्षा करना सबका अधिकार है। हिंदू कितना सहेगा। हिंदुओं के साथ अत्याचार हुआ है। ओम शांति शांति का नारा पुराना हो गया। अब ओम क्रांति क्रांति होना चाहिए।
मोहन भागवत के बयान पर जताई नाराजगी
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख का व्यक्तिगत बयान है। ये उन्होंने अच्छा नहीं कहा। संघ भी हिंदुत्व के आधार पर बना है। जहां-जहां मंदिर या मंदिर के अवशेष मिल रहे हैं, उन्हें हम लेंगे। जहां अवशेष नहीं हैं, वहां नहीं लेंगे। मोहन भागवत संघ प्रमुख हैं, हम धर्माचार्य हैं। हमारा क्षेत्र अलग है, उनका अलग। वे संघ के सरसंघचालक हैं, हमारे नहीं। राम मंदिर पर बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एक यहूदी को कोई मार देता है तो इजराइल ऐसी की तैसी कर देता है। हजारों हिंदू मारे जा रहे हैं, सरकार कुछ कर नहीं रही है। सरकार को चाहिए कठोरता से बांग्लादेश से निपटे।
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