हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब का सेमिनार बुधवार को प्रशासन ने रद्द कर दिया। उनके सेमिनार का राष्ट्र जागरण युवा संगठन के आह्वान पर तमाम संगठन विरोध कर रहे थे। संगठनों के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी से इस कार्यक्रम की अनुमति निरस्त करने की मांग की थी।
जावेद हबीब का सेमिनार रद्द : सनातनी परंपराओं के अपमान का आरोप, संगठनों के विरोध के बाद प्रशासन ने लिया फैसला
Sep 04, 2024 21:20
Sep 04, 2024 21:20
जावेद हबीब पर आरोप और विवाद
राष्ट्र जागरण युवा संगठन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि जावेद हबीब के पिछले सेमिनार भी विवादों में रहे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने महिलाओं के सिर पर थूककर बाल काटने और थूक का उपयोग कर फेशियल करने जैसी असंवेदनशील गतिविधियां की हैं। संगठन का कहना है कि जावेद हबीब अपने प्रशंसकों को भी इसी प्रकार की असम्मानजनक गतिविधियों के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने यह भी मांग की कि जावेद हबीब के सभी सेमिनारों और पार्लरों पर तत्काल रोक लगाई जाए, ताकि शहर में शांति और धार्मिक सौहार्द बना रहे।
जावेद हबीब : छोटे काम से बड़ी पहचान बनाने का सफर
बाल काटने के पेशे को सामान्यतया एक छोटा काम माना जाता रहा है, जिसे एक विशेष वर्ग के साथ जोड़ा जाता था। लेकिन, समय के साथ यह धारणा बदल गई है। आज यह पेशा फैशन से जुड़ गया है, और लोग बाल काटकर लाखों की कमाई कर रहे हैं। इस बदलाव के पीछे जावेद हबीब का बड़ा योगदान है। उन्होंने बाल काटने के काम को ट्रेंडी और स्टाइलिश बनाया, और इस पेशे को एक नई पहचान दी। जावेद हबीब ने यह साबित किया कि एक नाई का काम भी करोड़ों की कमाई का जरिया बन सकता है।
देश-विदेश में नाम कमाने वाले हेयर स्टाइलिस्ट
जावेद हबीब बॉलीवुड के बड़े सेलेब्रिटीज के फेवरेट हेयर स्टाइलिस्ट में से एक हैं। ब्यूटी इंडस्ट्री में भी उनका बड़ा नाम है। देश-विदेश में उनके सैलून हैं, और बाल काटने के इस कारोबार से वह करोड़ों की कमाई करते हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि जावेद हबीब ने लंदन के मॉरिस इंटरनेशनल स्कूल से पढ़ाई की है। इसके अलावा, उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से फ्रेंच में डिग्री भी हासिल की है। हालांकि, होटल मैनेजमेंट में करियर बनाने की इच्छा रखने के बावजूद, किस्मत ने उन्हें अपने पारंपरिक काम की ओर वापस खींच लिया।
खानदानी विरासत को आगे बढ़ाया
जावेद हबीब के दादा नजीर अहमद, लॉर्ड माउंटबेटन और ब्रिटिश सरकार के बड़े अधिकारियों के पर्सनल हेयर ड्रेसर थे। आजादी के बाद, नजीर अहमद प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पर्सनल हेयरड्रेसर बन गए। उनके बाद, जावेद हबीब के पिता, हबीब अहमद, नेहरू के पर्सनल हेयर ड्रेसर बने। उन्होंने कई राष्ट्रपति और राजमाता गायत्री देवी जैसे प्रमुख व्यक्तियों के लिए भी काम किया। जावेद हबीब ने अपने परिवार की इस विरासत को संभाला और इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनके इस योगदान ने बाल काटने के पेशे को न केवल एक नई पहचान दी, बल्कि इसे फैशन और स्टाइल के साथ जोड़कर एक सम्मानजनक पेशा बना दिया।
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