ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले वृक्षों को आने वाली पीढ़ियों के लिए सहेजने की पहल उत्तर प्रदेश सरकार कर रही है। बरेली समेत प्रदेश भर में...
बरेली में बनेगी विरासत वृक्ष वाटिका : अब वन विभाग सहेजेगा पेड़, जिले में 26 वृक्षों का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
Jul 12, 2024 00:50
Jul 12, 2024 00:50
पूरे उत्तर प्रदेश में 948 वृक्षों की पहचान
पूरे प्रदेश भर में ऐसे कुल 948 वृक्षों की पहचान की गई थी। ऐसे वृक्षों को संरक्षित करने और लोगों को इससे जोड़ने के लिए प्रदेश की 11 जिलों में विरासत वृक्ष वाटिका बनाई जाएगी। बरेली जिले के 26 वृक्षों में सात वृक्ष बरगद और 17 पीपल वृक्ष है। उन्होंने बताया कि बरेली कमिश्नरी स्थित कार्यालय परिसर में बरगद पेड़ आज भी आजादी का गवाह है। जहां 1857 की कांति में इसी बरगद के पेड़ पर अंग्रेजी हुकूमत ने 257 क्रांतिकारियों को फांसी पर लटकाया था। इनको संरक्षित करने का कार्य शुरू हो गया है। विरासत वृक्ष की जड़ों, टहनियों की कटिंग और उनके बीजों के जरिए से नए पौधा तैयार की जाएगी। इन पौधों को विरासत वृक्ष वाटिका में रोपित किया जायेगा।
आत्मीयता बढ़ाने की कोशिश
इसके पीछे उद्देश्य यही है कि इन पेड़ों की तरफ लोगों की आत्मीयता बढ़ सके। इस धरोहर को बनाए रखना। इको टूरिज्म के जरिए बाद में इनको विकसित करने की भी योजना है। श्रीमती भंडारी ने बताया कि विरासत वृक्षों की मुख्यतः 29 प्रजातियां हैं। इतिहास और जगह का भी विवरण स्थापित होने वाली खास वाटिकाओं में दिया जाएगा। प्रदेश में बरेली, अयोध्या, गोरखपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, मथुरा, सीतापुर, चित्रकूट, मिर्जापुर आदि जिलों में स्थापित की जाएंगी। बरेली बदायूं जिले में चार वृक्ष बरगद और पीपल, तीन वृक्ष, पीलीभीत में दो बरगद, पीपल, पाकड़ एक और साल का एक वृक्ष है। शाहजहांपुर में पांच बरगद, पीपल दो, पाकड़ का एक और एक साल वृक्ष है।
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