किचन का बिगड़ा बजट : आदमी को फिर रुलाने लगी प्याज, लहसुन 300 रुपये किलो के पार, जानें कब नीचे आएंगे भाव...

आदमी को फिर रुलाने लगी प्याज, लहसुन 300 रुपये किलो के पार, जानें कब नीचे आएंगे भाव...
UPT | प्याज और लहसुन की कीमतों में उछाल

Nov 11, 2024 13:36

एक बार फिर प्याज और लहसुन की कीमतों ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। जिसके चलते रसोई के बजट के साथ ही सब्जी का स्वाद भी बिगड़ने लगा है। लहसुन और प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। मगर, टमाटर से लेकर अन्य सब्जियां भी लोगों की पहुंच से दूर होने लगी हैं। इससे आम आदमी की खरीद से सब्जियां दूर होती जा रही हैं।

Nov 11, 2024 13:36

Bareilly News : एक बार फिर प्याज और लहसुन की कीमतों ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। जिसके चलते रसोई के बजट के साथ ही सब्जी का स्वाद भी बिगड़ने लगा है। लहसुन और प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। मगर, टमाटर से लेकर अन्य सब्जियां भी लोगों की पहुंच से दूर होने लगी हैं। इससे आम आदमी की खरीद से सब्जियां दूर होती जा रही हैं। उनकी रसोई में सब्जियां जहां अब फीकी पड़ने लगी हैं, तो वहीं खाने का स्वाद भी बेमजा होने लगा। इस समय डेलापीर मंडी में लहसुन का थोक भाव 300 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है, जबकि मंडी में आम दुकानदार इसे 400 रुपये प्रति किलो तक बेच रहे हैं। पिछले साल भी प्याज के दामों में बढ़ोतरी हुई थी। बरेली में प्याज 70 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। हालांकि, भाव बढ़ने से बिक्री कम हुई है। आलू और टमाटर के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है।

होटल-ढाबों और घर के बने सलाद से प्याज गायब
प्याज की बढ़ती कीमतों के बाद होटल, ढाबों और घर के सलाद से प्याज गायब होने लगा है। डेलापीर मिलन वेजीटेबल फ्रूट मंडी ट्रेडर्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष शुजा उर रहमान ने Uttar Pradesh Times को बताया कि मंडी में करीब सप्ताह भर पूर्व प्याज की कीमत में उछाल शुरू हुआ है। पांच-पांच रुपये बढ़कर थोक भाव में 25 रुपये तक कीमतें बढ़ गई हैं। आढ़त पर 60 रुपये से भी ज्यादा प्याज के भाव पहुंच गए। इससे फुटकर की कीमतें भी बढ़ी हैं। सोमवार को थोक में 55 रुपये मिली। इसलिए उसे 70 रुपये प्रति किलो पर बेचा गया। कुछ सब्जी विक्रेताओं ने 70 से 80 रुपये किलो दाम पर प्याज की बिक्री की। थोक कारोबारियों के मुताबिक पिछले वर्ष भी अक्तूबर, नवंबर में प्याज के भाव बढ़े थे क्योंकि, बारिश के बाद बाजार में स्थानीय स्तर पर प्याज की उपलब्धता प्रभावित होती है। दूसरे राज्यों से प्याज मंगाने की वजह से कीमत पर असर पड़ता है। बीते वर्ष 80 रुपये प्रति किलो तक प्याज बिका था।


टमाटर, धनिया और आलू के दाम में भी इजाफा
सब्जी मंडी में आलू, टमाटर के भाव थोक में पांच से दस रुपये तक बढ़ने से सोमवार को फुटकर में पुराना आलू 30 और नया आलू 35 रुपये प्रति किलो बिका। मंडी में भाव 22 से 28 रुपये प्रति किलो रहा। इसके साथ ही टमाटर मंडी में 30 से 40 रुपये और फुटकर में 40 से 50 रुपये कीमत पर बिका। गोभी, सोया मेथी, धनिया, मिर्च, शिमला मिर्च, लौकी, बीन्स, सेमी आदि हरी सब्जियों के भाव 20 से 40 रुपये प्रति किलो हैं।

महाराष्ट्र चुनाव के बाद कीमतों में कमी आने की उम्मीद 
प्याज की कीमतों में अभी कमी आने की कोई संभावना नहीं है। सब्जी मंडी के जानकारों की मानें तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद ही प्याज की कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी। इससे पहले इसके दाम और बढ़ सकते हैं। प्याज की कीमत 100 रुपए के भी पार जा सकती है।

इंडिया प्याज की खेती में नंबर वन
प्याज की खेती में भारत (इंडिया) दुनिया में नंबर एक पर है। भारत दुनिया का सबसे अधिक प्याज उत्पादन करने वाला देश है। भारत में सबसे अधिक प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र है। नासिक के लासलगांव में एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है। प्याज उत्पादन में इसके बाद मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा का नंबर आता है। भारत में साल 2021-22 में प्याज उत्पादन में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 42.53 फीसदी थी। इसके बाद 15.16 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर था। भारत में प्याज की खेती का लगातार विस्तार हो रहा है। इसलिए उत्पादन भी बढ़ रहा है।
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