राज्य सरकार ने लगभग 1200 एकड़ भूमि पर एक विशाल इंडस्ट्रियल हब स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल क्षेत्र में नए उद्योगों को आकर्षित करना है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित करना है।
बदलता उत्तर प्रदेश : पीलीभीत में बनेगा नया इंडस्ट्रियल हब, खुलेंगे रोजगार और विकास की नई उम्मीद, 2025 तक फैक्ट्री में उत्पादन शुरू
Jul 21, 2024 03:00
Jul 21, 2024 03:00
- एशिया की सबसे बड़ी खमीर फैक्ट्री स्थापित करने की योजना
- 1200 एकड़ भूमि पर एक विशाल इंडस्ट्रियल हब स्थापित करने का निर्णय
1200 एकड़ भूमि पर होगा निर्माण
उत्तर प्रदेश का पीलीभीत जिला, जो प्राकृतिक संपदा से समृद्ध है, लंबे समय से औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसरों की कमी से जूझ रहा था। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों की लगातार मांग के बाद, अब इस समस्या का समाधान निकलता दिख रहा है। राज्य सरकार ने लगभग 1200 एकड़ भूमि पर एक विशाल इंडस्ट्रियल हब स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल क्षेत्र में नए उद्योगों को आकर्षित करना है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित करना है। इस हब में एक खमीर फैक्ट्री की स्थापना भी प्रस्तावित है, जो क्षेत्र की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी। यह पहल पीलीभीत के आर्थिक परिदृश्य को बदलने और इसे उत्तर प्रदेश के विकसित जिलों की श्रेणी में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वर्ष 2025 तक फैक्ट्री में उत्पादन शुरू
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में स्थापित होने वाली खमीर फैक्ट्री एशिया की सबसे बड़ी होने का दावा किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को ब्रिटिश कंपनी ए बी मौरी द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। कंपनी के प्रतिनिधि के अनुसार, इस फैक्ट्री की स्थापना में लगभग 1500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह परियोजना न केवल प्रत्यक्ष रूप से 5000 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगी, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से भी क्षेत्र में एक नई अर्थव्यवस्था को जन्म देगी। कंपनी का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक फैक्ट्री में उत्पादन शुरू हो जाए। यह परियोजना पीलीभीत के औद्योगिक विकास और आर्थिक समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है।
युवाओं को मिलेगा रोजगार
अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत के जिलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि जिले में बड़ा इंडस्ट्रियल हब विकसित कर युवाओं को रोज़गार के अवसर प्रदान करने की शासन की मंशा के अनुरूप कार्य प्रगति पर है। अब तक उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले को केवल ईको टूरिज्म हब के रूप में जाना जाता था। वहीं अगर औद्योगिक लिहाज से देखें तो पीलीभीत काफी अधिक पिछड़ा क्षेत्र है। लेकिन अब सरकार ने इस पहचान को बदलने की कवायद शुरू कर दी है। अब जल्द ही पीलीभीत में औद्योगिक हब विकसित किया जाएगा।
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