पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 25 अक्टूबर से शुरू होने वाले पहले चरण की गणना के तहत रिजर्व की माला, महोफ और दियुरिया रेंज में 201 ग्रिड पर कुल 402 ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे। ये सभी ग्रिड उन स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे जहां बाघों की संभावित मौजूदगी है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व : इस दिन से शुरू होगी बाघों की गणना, लगाए जाएंगे 402 ट्रैप कैमरे, दो चरणों में पूरी होगी गिनती
Oct 21, 2024 15:46
Oct 21, 2024 15:46
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की वृद्धि
उत्तर प्रदेश का पीलीभीत टाइगर रिजर्व इन दिनों बाघों की बढ़ती संख्या के चलते वन्यजीव प्रेमियों और वन्यजीव फोटोग्राफर्स के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में, संरक्षण के प्रभावी उपायों के परिणामस्वरूप, पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में, यहां बाघों की संख्या केवल 24 थी, जबकि 2024 में यह संख्या 71 से अधिक हो गई है। इस उपलब्धि के लिए, पीलीभीत टाइगर रिजर्व को TX2 पुरस्कार, CATS मान्यता जैसे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब मिले हैं। NTCA के 2022 में किए गए बाघ गणना के अनुसार, इस रिजर्व में बाघों की संख्या लगभग 71 से अधिक है।
बाघ गणना का महत्व
बाघों की गणना का कार्य सिर्फ संख्या को जानने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बाघों की प्रजातियों की स्थिति को समझने में भी महत्वपूर्ण है। बाघों की संख्या में वृद्धि यह संकेत देती है कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व का संरक्षण कार्यक्रम सफल हो रहा है। इस संदर्भ में, 25 अक्टूबर से शुरू होने वाले पहले चरण की गणना के तहत, पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला, महोफ और दियुरिया रेंज में 201 ग्रिड पर कुल 402 ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे। ये सभी ग्रिड उन स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे जहां बाघों की संभावित मौजूदगी है।
गणना की प्रक्रिया
बाघों की गणना की प्रक्रिया जटिल होती है और यह सामान्य जनगणना से काफी अलग है। इस प्रक्रिया के तहत, बाघों की मौजूदगी वाले स्थानों पर पेड़ों पर आमने-सामने 2 ट्रैप कैमरे स्थापित किए जाते हैं। ये कैमरे किसी भी वन्यजीव के आने-जाने पर उनकी तस्वीरें कैद कर लेते हैं। इसके बाद, एक निश्चित समय के लिए कैद की गई तस्वीरों में से बाघों की तस्वीरों को अलग किया जाता है।
अनूठी धारियों का महत्व
बाघों की धारियां उनके शरीर पर मौजूद अनूठे निशान होती हैं, जो मानव फिंगरप्रिंट की तरह अद्वितीय होती हैं। इस विशेषता के कारण, विशेषज्ञ बाघों की तस्वीरों का उपयोग करके उनकी संख्या का अनुमान लगाने में सक्षम होते हैं। हर बाघ की धारियां अलग होती हैं, जिससे बाघों की पहचान करना और उनकी संख्या निर्धारित करना संभव हो जाता है।
संरक्षण के उपाय
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में वृद्धि का श्रेय यहां के संरक्षण प्रयासों को दिया जा सकता है। प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों में बाघों के प्राकृतिक आवास की रक्षा करना, शिकारियों पर नियंत्रण रखना, और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना शामिल है। इसके अलावा, बाघों के साथ-साथ अन्य वन्यजीवों की प्रजातियों के संरक्षण के लिए भी कदम उठाए गए हैं।
भविष्य की योजनाएं
बाघों की गणना के बाद, पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन के पास बाघों की संख्या और उनकी स्थिति के बारे में अधिक सटीक जानकारी होगी। यह जानकारी भविष्य में संरक्षण के उपायों को और प्रभावी बनाने में मदद करेगी। बाघों की इस गणना के परिणाम न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण होंगे।
इस प्रकार, पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना का कार्य न केवल बाघों की संख्या को ट्रैक करने के लिए है, बल्कि यह वन्यजीवों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी है। प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम और प्रयास, इन अद्भुत जीवों की सुरक्षा और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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