Bareilly News : सियासी लड़ाई में फंसे रावण, कुंभकरण और मेघनाथ, 72 घंटे से पुतला दहन का इंतजार... 

सियासी लड़ाई में फंसे रावण, कुंभकरण और मेघनाथ, 72 घंटे से पुतला दहन का इंतजार... 
UPT | दहन के इंतजार में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले।

Oct 15, 2024 10:00

शहर के मॉडल टाउन में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ अब भी खड़े हैं जलने के इंतजार में...। क्योंकि उनको बैकुंठ जाना है। मगर, 72 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई राम उन्हें जलाने नहीं आए। कलियुग है, हर मुंह पर रामनाम है। मगर...

Oct 15, 2024 10:00

Bareilly News : शहर के मॉडल टाउन में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ अब भी खड़े हैं जलने के इंतजार में...। क्योंकि उनको बैकुंठ जाना है। मगर, 72 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई राम उन्हें जलाने नहीं आए। कलियुग है, हर मुंह पर रामनाम है। मगर, हर तरफ लंका ही लंका। यह किस्सा शहर के माडल टाउन का है। एक कालोनी, जो रिफ्यूजी के लिए बसाई गई थी। एक कालोनी जो आलीशान है। एक कालोनी, जिसमें हर तरफ बड़े बड़े मंदिरों- गुरुद्वारों का निर्माण हुआ है। एक कालोनी, जो अपने आयोजनों के लिए जीवंत मानी जाती है। इसी माडल टाउन की आधुनिक सियासी लड़ाई ने इस बार का दशहरा फीका कर दिया है। आपसी राजनीति में दशहरे पर जलने वाले पुतले बीडीए मार्केट की छत पर ऐसे ही खड़े हैं, बिना जले। कोई राम उनके दहन को नहीं आए हैं। आ भी नहीं सकते, क्योंकि आयोजकों में खटपट जो हो गई है।

जानें क्यों नहीं जले पुतले
शहर में वर्षों से दशहरे का मेला स्टेडियम में लगता था। स्टेडियम के विकास के बाद यहां से मेला लगना बंद हो गया। मेला माडल टाउन के पार्क में लगने लगा। इस बार आयोजकों के बीच कुछ ऐसा विवाद शुरू हुआ कि पुतले नहीं जल सके। पार्क की चहारदीवारी के पास बनी बीडीए की दुकानों की छत पर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले रख दिए गए। परमिशन न होने के कारण इनको नहीं जलया जा सका। मेले का उद्घाटन व्यापारी नेता राजेन्द्र गुप्ता ने किया था। मगर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन नहीं हो सका।

क्या बोले दशहरा मेला कमेटी के आयोजक 
दशहरा मेला कमेटी के आयोजकों का मानना है कि अब यह पुतले अगर परमिशन मिल गई, तो अगले साल जलाए जाएंगे। मेला आयोजन समिति में नवनीत सिंह, संजीव चंदन मनमोहन सभरवाल, जनक राज अरोड़ा, तिलकराज दुसेजा सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद रहे। यहां पूर्व उपसभापति के खिलाफ नारे लगे। प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे, तब पूर्व उपसभापति अतुल कपूर को भी बुलाया गया। उनकी पत्नी सोनिया कपूर वर्तमान में पार्षद हैं। कुछ लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की। 

मेरा कोई लेना देना नहीं
नगर निगम के पूर्व उपसभापति अतुल कपूर का कहना है कि उनका इस विवाद से कोई लेना देना नहीं है। प्रशासन के कहने पर गए थे। कुछ लोगों ने राजनीतिक द्वेष में नारेबाजी करा दी। पुतलों को खंडित करके गेम खेला गया है। सनातन धर्म में खंडित का पूजा और संस्कार नहीं होता है। 

पार्षदी चुनाव भी है नेपथ्य में
स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि इस विवाद में पार्षदी का चुनाव भी नेपथ्य में है। अतुल कपूर दूसरे क्षेत्र से यहां आकर अपनी पत्नी को बड़े मार्जिन से चुनाव जिता चुके हैं। इससे कुछ लोगों के मन में खिन्नता बताई जाती है।

यही है इनका रामराज्य
सपा के प्रदेश प्रवक्ता मयंक शुक्ला मोंटी ने कहा है कि भाजपा रामराज्य की बात करती है। मगर, मॉडल टाउन रामलीला में रावण का ना जल पाना, भाजपा सरकार की नियत और नीति को दर्शाता है। भाजपा सरकार बीजेपी का प्रशासन रावण राज को पोषित कर रहा है। यह इस प्रकरण से स्पष्ट होता है। 

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