बरेली विकास प्राधिकरण ने रामगंगानगर आवासीय योजना में हिस्सा लेने वाले 64 किसानों को भूखंड देने का निर्णय लिया है। इन किसानों ने योजना के लिए अपनी ज़मीन दी थी और अब इन किसानों को भूखंड प्रदान...
रामगंगानगर आवासीय योजना : 1999 के शासनादेश का होगा पालन, हाईकोर्ट के आदेश पर लिया गया फैसला
Nov 12, 2024 10:39
Nov 12, 2024 10:39
बीडीए बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय
सोमवार को मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में बरेली विकास प्राधिकरण की 90वीं बोर्ड बैठक हुई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि किसानों को भूखंड देने के साथ-साथ विकास शुल्क भी लिया जाएगा। बीडीए सचिव योगेंद्र कुमार ने बताया कि रामगंगानगर आवासीय योजना के लिए कुल 962 किसानों ने अपनी ज़मीन दी थी। जिनमें से 64 किसानों ने सात प्रतिशत हिस्से के रूप में भूखंड की मांग की है। इन किसानों ने 1999 के शासनादेश के तहत याचिका दायर की थी। जिस पर अब हाईकोर्ट ने आदेश दिया है। सचिव ने आगे बताया कि बीडीए अब 20 नवंबर 1999 की गाइडलाइन के तहत विकास शुल्क वसूल करेगा। विकास शुल्क की गणना के बाद ही भूखंड ऑफर किए जाएंगे। बीडीए बोर्ड की बैठक में जिला अधिकारी रविंद्र कुमार और उपाध्यक्ष मनिकंडन ए. भी मौजूद रहे।
पेट्रोल पंप और सर्विस स्टेशन के लिए राहत
बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिसके तहत पेट्रोल पंप और सर्विस स्टेशन स्थापित करने के लिए भूमि नियमों में कुछ राहत दी गई है। अब तक पेट्रोल पंप और सर्विस स्टेशनों के प्रवेश और निकासी मार्ग का न्यूनतम चौड़ाई 9 मीटर निर्धारित की गई थी, जिसे अब 7.5 मीटर कर दिया गया है। साथ ही बफर स्ट्रिप के लिए भी नियमों में संशोधन किया गया है। पहले बफर स्ट्रिप की लंबाई 12 मीटर और चौड़ाई 3 मीटर रखने का प्रावधान था। जिसे अब 5 मीटर लंबा और 3 मीटर चौड़ा कर दिया गया है। यह नियम 14 अक्टूबर 2024 को जारी किए गए शासनादेश के बाद बोर्ड की बैठक में अपनाए गए।
नाथधाम टाउनशिप के लिए जमीन अधिग्रहण में तेजी
बीडीए बोर्ड ने नाथधाम टाउनशिप के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाने का भी निर्णय लिया है। इसके लिए सेवानिवृत्त पीसीएस अधिकारी को नियुक्त करने की योजना बनाई गई है। जो अधिग्रहण कार्यों की निगरानी करेंगे। बोर्ड के सदस्य पार्षद राजेश अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे अधिकारी को नियुक्त किया जाए जो जिले का मूल निवासी न हो। अधिकारियों ने इस सुझाव पर सहमति जताई है। सचिव योगेंद्र कुमार ने बताया कि चूंकि अधिग्रहण कार्यों के लिए राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार और तहसीलदार जैसे पद सृजित नहीं हो पाए हैं। इसलिए इन कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए संविदा पर सेवानिवृत्त पीसीएस अधिकारी की नियुक्ति आवश्यक है।
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