सपा प्रमुख का तंज : भ्रष्टाचार का ओलंपिक होता तो भाजपा राज में पुलिस वाले हाई जंप में प्लेटिनम ले आते, रिश्वतखोर इंस्पेक्टर सस्पेंड

भ्रष्टाचार का ओलंपिक होता तो भाजपा राज में पुलिस वाले हाई जंप में प्लेटिनम ले आते, रिश्वतखोर इंस्पेक्टर सस्पेंड
UPT | सपा प्रमुख अखिलेश यादव

Aug 23, 2024 11:02

बरेली जनपद की फरीदपुर कोतवाली के रिश्वतखोर इंस्पेक्टर रामसेवक के रिश्वत लेने और थाने की दीवार कूदकर फरार होने के मामले में सपा प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने भाजपा सरकार की खिंचाई कर एक्स पर ट्वीट किया कि अभी तो बस थाने की दीवार कूदी है, यदि भ्रष्टाचार का ओलंपिक...

Aug 23, 2024 11:02

Bareilly News : यूपी के बरेली जनपद की फरीदपुर कोतवाली के रिश्वतखोर इंस्पेक्टर (कोतवाल) रामसेवक के रिश्वत लेने और थाने की दीवार कूदकर फरार होने के मामले में सपा प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने भाजपा सरकार की खिंचाई कर एक्स पर ट्वीट किया कि अभी तो बस थाने की दीवार कूदी है, यदि भ्रष्टाचार का ओलंपिक होता, तो भाजपा राज में ऐसी विशिष्ट योग्यता रखने वाले कुछ कृपा प्राप्त पुलिस वाले ‘हाई जंप’ में प्लेटिनम मेडल ले आते। अब सवाल ये है कि उच्च पुलिस अधिकारियों ने छापा क्यों मारा, जबकि उन्होंने ही उस इंस्पेक्टर की पोस्टिंग की होगी। क्या, उस इंस्पेक्टर की भ्रष्ट कार्यप्रणाली के बारे में कोई रिपोर्ट पहले से उपलब्ध नहीं थी ? यदि उत्तर'हां' है, तो फिर उसको पोस्टिंग कैसे मिली और अगर उत्तर 'नहीं' है, तो फिर वो पुलिस क्या ख़ुफ़िया रिपोर्ट निकालेगी। जिसे अपनो के बारे में ही पता नहीं है। ऐसे में ये शासन-प्रशासन दोनों की नाकामी है। 

सपा प्रमुख ने आगे लिखा कि जनता कह रही है कि कहीं इसके पीछे मूल कारण ये तो नहीं कि बेईमानी का तरबूज़ा तो कटा पर नीचे-से-ऊपर तक ईमानदारी से नहीं बंटा। भाजपा राज में क्या उप्र की जनता नशे के तस्करों से '9 लाख' लेने वाले ऐसे भ्रष्ट नौ रत्नों के भरोसे रहेगी ? 
  यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद यूजर ने भाजपा सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। यूजर ने यूपी में बढ़ते भ्रष्टाचार और भाजपा सरकार के खिलाफ ट्वीट किए हैं। हालांकि, कुछ यूजर ने भाजपा सरकार के पक्ष में भी ट्वीट किए हैं।

रिश्वतखोर इंस्पेक्टर सस्पेंड 
फरीदपुर कोतवाली के रिश्वतखोर इंस्पेक्टर रामसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत उन्हीं की कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद पीलीभीत जनपद के भाजपा विधायक के रिश्तेदार रिश्वतखोर इंस्पेक्टर को एसएसपी अनुराग आर्य ने सस्पेंड कर दिया। रामसेवक 500-500 रुपये के नोटों की गड्डियों पर सोता था। 

जानें क्या है मामला 
आरोप है कि इंस्पेक्टर ने 300 ग्राम स्मैक के साथ दो लोगों को पकड़ा था। मगर, सात लाख रुपये की रिश्वत लेकर छोड़ने की सूचना पर आईपीएस मानुष पारीक ने फरीदपुर थाने में छापा मारा। उस वक्त इंस्पेक्टर थाने की दीवार कूदकर फरार हो गए। इसके बाद इंस्पेक्टर के आवास की तलाशी ली गई। पुलिस अफसरों की तलाशी में इंस्पेक्टर के सरकारी आवास से 984500 रुपये बरामद हुए हैं। सीओ फरीदपुर की ओर से कोतवाली में इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसपी अनुराग आर्य ने भ्रष्टाचार के आरोपी इंस्पेक्टर रामसेवक को तत्काल सस्पेंड कर दिया। उसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस टीमें गठित की गई हैं। 

एसपी ने सीओ को बुलाया कोतवाली
बरेली के तेज तर्रार एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर एसपी साउथ मानुष पारिक गुरुवार को फरीदपुर कोतवाली पहुंचे थे। उन्होंने सीओ फरीदपुर गौरव सिंह को भी कोतवाली बुला लिया। उनके थाने पहुंचते ही इंस्पेक्टर फरीदपुर रामसेवक अपने कमरे में ताला डालकर थाने की दीवार कूदकर फरार हो गए। उनके साथ एक और व्यक्ति भी फरार हुआ है। उसकी पहचान की जा रही है। एसपी साउथ ने थाने के अभिलेख और हवालात चेक की। पुलिस वालों से पूछताछ की। पता लगा कि इंस्पेक्टर फरीदपुर ने बुधवार रात को फरीदपुर के नवदिया अशोक निवासी अशनूर, नियाज अहमद उर्फ नन्हें और आलम को गिरफ्तार किया था। मगर, नियाज अहमद और आलम को सात लाख रुपये लेकर गुरुवार सुबह छोड़ दिया। अशनूर रुपये नहीं दे पाया। उसे थाने में दाखिल कर दिया। 300 ग्राम स्मैक भी इंस्पेक्टर पी गए। उसे बेच दिया।

सरकारी आवास से रिश्वत की रकम बरामद
इंस्पेक्टर रामसेवक को यह आभास नहीं था कि सबसे सुरक्षित स्‍थान भी असुरक्षित है। यहीं से उनके 9.84 लाख रुपये बरामद हो गए। रुपये रखने को डिब्‍बे मंगवाने पड़े। पुलिस को भी रुपये गिनने के लिए दो घंटे का वक्‍त लग गया।

ब्रीफकेस से मिले 284900 
एसपी मानुष पारीक ने इंस्पेक्टर के आवास की तलाशी कराई। सीओ गौरव सिंह ने पुलिस टीम के साथ इंस्पेक्टर के आवास का ताला तोड़ा। उसकी वीडियोग्राफी कराई। इंस्पेक्टर रामसेवक के तखत के गद्दे के नीचे से पुलिस ने 500-500 रुपये के नोटों की गड्डी बरामद हुई। यह रकम सात लाख रुपये थी। इंस्पेक्टर के पर्सनल ब्रीफकेस से 284900 रुपये बरामद हुए।

लखनऊ में आलिशान कोठी
आरोपी इंस्पेक्टर पहले पीलीभीत जनपद की पूरनपुर माधोटांडा, गजरौला समेत कई थानों पर रहा है। बरेली में आने के बाद स्मैक तस्करों की मंडी के नाम से बदनाम कोतवाली फरीदपुर का प्रभारी बनाया गया। इसके बाद से ही उसने लूट और वसूली शुरू कर दी। नवंबर से अब तक इंस्पेक्टर ने करोड़ों रुपये फरीदपुर कोतवाली से कमाए। इंस्पेक्टर की एक-एक दिन की आमदनी 10-10 लाख रुपये बताई जाती है। इंस्पेक्टर रामसेवक जिस थाने के प्रभारी थे। अब उसी थाने के मुल्जिम हैं। सीओ फरीदपुर गौरव सिंह की ओर से फरीदपुर के तत्कालीन इंस्पेक्टर रामसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर फरार हैं। मूल रूप से हरदाई जनपद के एक गांव निवासी इंस्पेक्टर राम सेवक की लखनऊ में आलिशान कोठी है। इसके साथ ही गांव समेत कई जगहों पर संपत्ति है।

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