जिलाधिकारी अंद्रा वामसी ने पूरी प्रशासनिक मशीनरी को एक्टिव कर दिया है। कहा कि पारा 43 डिग्री सेल्सियस पार होने के दुष्प्रभाव और आमजन को हीट-वेव (लू) से बचाव के लिए जिला प्रशासन की ओर समुचित प्रबंध किए गए हैं।
भीषण गर्मी का प्रकोप : बस्ती में हीटवेव से बचाव को डीएम ने एक्टिव की प्रशासनिक मशीनरी, दिए ये निर्देश
May 31, 2024 20:18
May 31, 2024 20:18
- बस्ती में पड़ रही है भीषण गर्मी, पारा 43 के पार पहुंचने से लोग अकुलाए
- प्रशासन ने सक्रिय किया कंट्रोल रूम, मदद के लिए कभी भी कर सकते हैं फोन
क्या होता है हीटवेव या लू
एडीएम ने बताया कि हीटवेब से बचाव को लेकर जनसामान्य के बीच जागरूता अभियान चलाया जा रहा है। जब वातावरण का तापमाप 37 डिग्री सेल्सियस से 3-4 डिग्री अधिक पहुंच जाता है, तो उसे हीटवेब या लू कहते हैं। अभी आगे गर्मी का प्रकोप और बढ़ेगा इसलिए गर्मी से बचाव के लिए विभिन्न उपायों को अपनाना चाहिए। बताया कि गर्मी में शरीर के द्रव्य बॉडी फ्ल्यूड सूखने लगते हैं। शरीर में पानी, नमक की कमी होने पर लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है। शराब की लत, हृदय रोग, पुरानी बीमारी, मोटापा, पार्किंसस रोग, अधिक उम्र, अनियंत्रित मधुमेह वाले व्यक्तियों को लू से विशेष बचाव करने की जरूरत है। इसके अलावा डॉययूरेटिक, एंटीस्टिमिनक, मानसिक रोग की औषधि का उपयोग करने वाले व्यक्ति भी लू से सवाधान रहें।
यह लक्षण दिखे तो हो जाएं सावधान
एडीएम कमलेश चंद्र ने बताया कि गर्म, लाल, शुष्क त्वचा का होना, पसीना न आना, तेज पल्स होना, उल्टे श्वास गति में तेजी, व्यवहार में परिवर्तन, भ्रम की स्थिति, सिरदर्द, मिचली, थकान और कमजोरी का होना या चक्कर आना, मूत्र न होना अथवा इसमें कमी आदि मुख्य लक्षण हैं। इन लक्षणों के चलते मनुष्यों के शरीर के उच्च तापमान से आंतरिक अंगों, विशेष रूप से मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है। इससे शरीर में उच्च रक्तचाप उत्पन्न हो जाता है।
मदद के लिए कंट्रोल रूम सक्रिय
एडीएम ने जनपदवासियों से अपील की है कि आपदा संबंधी सहायता के लिए एम्बुलेंस 108, पुलिस-112, राहत आयुक्त कार्यालय 1070 टोल फ्री तथा जिला इमरजेंसी ऑपरेशन सेन्टर के कंट्रोल रूम 05542-247132 पर सम्पर्क कर सकते हैं। बताया है कि नियोक्ता और श्रमिक, वृद्ध एवं कमजोर व्यक्तियो, शिशुओं तथा पशुओं के लिए विशेष सतर्कता की आवश्यकता है।
हीटवेव में क्या करें और क्या न करें
रेडियो सुनिए, टीवी देखिए, स्थानीय मौसम समाचार के लिए समाचार पत्र पढ़ें। पर्याप्त पानी पियें भले ही प्यास न लगे। खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन), लस्सी, तोरानी (चावल का पानी), नींबू का पानी, छाछ आदि जैसे घरेलू पेय का इस्तेमाल करें, हल्के वजन, हल्के रंग के, ढीले, सूती कपड़े पहनें, अपना सिर ढंकें- कपड़े, टोपी या छतरी का उपयोग करें, हांथों को साबुन और पानी से बार-बार धोएं तथा अनावश्यक घर से बाहर सबब 11 बजे से शाम 4 बजे तक न निकलें। बहुत ही आवश्यक होने पर चेहरे व सिर को ढककर ही निकलें।
खानपान पर दें विशेष ध्यान
अपर जिलाधिकारी कमलेश चंद्र ने बताया है कि गर्म हवाओं से बचने के लिए खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एलुमिनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढककर रखें, ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके। आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें। बच्चों तथा पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में अकेला न छोड़ें। संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें और बासी खाने का प्रयोग कदापि न करें और मादक पेय पदार्थों का सेवन न करें। पेय पदार्थ जैसे लस्सी, छाछ, मट्ठा, बेल का शर्बत, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी या आम का पना इत्यादि का प्रयोग करें।
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