बदलता उत्तर प्रदेश : मछुआरा बाहुल्य गांवों की बदलेगी तस्वीर, सोलर और हाईमास्ट लाइट से होगी रोशनी

मछुआरा बाहुल्य गांवों की बदलेगी तस्वीर, सोलर और हाईमास्ट लाइट से होगी रोशनी
UPT | सोलर लाइट

Oct 01, 2024 16:24

मछुआरा बाहुल्य गांवों की रोशनी की समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार गांवों की बिजली की समस्या को हल करेगा।राज्य सरकार ने मत्स्य पालक कल्याण कोष के तहत सोलर और हाईमास्ट लाइट लगाने की योजना शुरू की है।

Oct 01, 2024 16:24

Basti News : उत्तर प्रदेश के मछुआरा बाहुल्य गांवों में उजाले की समस्या को हल करने के लिए राज्य सरकार ने मत्स्य पालक कल्याण कोष के तहत सोलर और हाईमास्ट लाइट लगाने की योजना शुरू की है। यह योजना राज्य के 14 ब्लॉकों में स्थित मछुआरा बाहुल्य गांवों की तस्वीर बदलने का लक्ष्य रखती है। इन गांवों में बिजली की सुविधा का अभाव एक बड़ी समस्या रही है, खासकर बाढ़ के समय जब ये गांव टापू में तब्दील हो जाते हैं और अंधेरे में डूबे रहते हैं। सोलर लाइट लगने से अब ग्रामीणों को इन कठिन परिस्थितियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

रोशनी की कमी दूर करने की पहल
जिला मत्स्य अधिकारी संदीप कुमार वर्मा ने इस योजना की जानकारी देते हुए बताया कि उच्च अधिकारियों से एक निर्देश आया है जिसमें मछुआरा बाहुल्य गांवों की सूची तैयार करने और इन गांवों में खुली बैठक कर सोलर लाइट लगाने के स्थान चिन्हित करने की बात कही गई है। इस योजना के अंतर्गत, जिन गांवों में बिजली की कमी है या बिजली की सुविधाएं नहीं पहुंची हैं, वहां पर सोलर पैनल और हाईमास्ट लाइट लगाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
संदीप कुमार वर्मा ने बताया कि सूची तैयार होते ही, जल्द से जल्द उच्च अधिकारियों से इसकी वेरीफिकेशन कराई जाएगी, जिसके बाद गांवों में सोलर पैनल और लाइट लगाने का काम शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही ग्रामीणों को भी यह अवसर दिया जा रहा है कि जिन गांवों में बिजली की समस्या है, वे अपने विकासखंड को इसकी सूचना दें ताकि शासन की ओर से इन गांवों में सोलर और हाईमास्ट लाइटें लगाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।

गांव में लगेंगी सोलर और हाईमास्ट लाइट
सरकार द्वारा प्रस्तावित इस योजना के अनुसार, प्रत्येक मछुआरा बाहुल्य गांव में 11-11 सोलर लाइट और 2-2 हाईमास्ट लाइटें लगाई जाएंगी। सोलर लाइट की कीमत लगभग 21 हजार रुपये प्रति यूनिट है, जबकि हाईमास्ट लाइट एक लाख 32 हजार रुपये की लागत से लगाई जाएगी। यह लाइटें न केवल इन गांवों को रोशन करेंगी, बल्कि बाढ़ के समय भी गांव में उजाला बनाए रखेंगी, जिससे ग्रामीणों को रात में भी आवश्यक सुविधाएं मिल सकेंगी।

यूपीनेडा से हुआ समझौता
इस परियोजना को साकार करने के लिए मत्स्य पालन विभाग ने उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) के साथ समझौता किया है। यूपीनेडा की जिम्मेदारी है कि वह इन लाइटों को गांवों में लगवाने के साथ-साथ उनका रख-रखाव भी करे। इसके तहत यूपीनेडा की टीम इन गांवों में जाकर सोलर पैनल और लाइटें स्थापित करेगी और इसके रख-रखाव की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।

बाढ़ के समय रोशनी की समस्या का समाधान
बाढ़ के दौरान मछुआरा बाहुल्य गांव टापू में तब्दील हो जाते हैं और ग्रामीण कई रातें अंधेरे में गुजारने को मजबूर होते हैं। लेकिन सोलर और हाईमास्ट लाइटें लगने के बाद अब यह समस्या दूर हो जाएगी। इन लाइटों की मदद से गांव में हर समय उजाला बना रहेगा और ग्रामीणों को रोशनी की कमी से जूझना नहीं पड़ेगा।

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