बस्ती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य मनोज कुमार को लोकायुक्त द्वारा आय से अधिक संपत्ति के आरोपों के संबंध में नोटिस जारी किया गया है...
बस्ती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को लोकायुक्त का नोटिस : आय से अधिक संपत्ति के आरोपों पर मांगा जवाब, जांच जारी
Nov 14, 2024 20:41
Nov 14, 2024 20:41
आय से अधिक संपत्ति का मामला
विष्णुदेव मिश्रा नामक एक परिवादी ने लोकायुक्त से शिकायत कर आरोप लगाया था कि प्राचार्य मनोज कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग कर अपनी आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की है। मिश्रा के अनुसार इस मामले में पहले भी उन्होंने संबंधित अधिकारियों से जांच की मांग की थी, लेकिन जांच के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद उन्होंने लोकायुक्त का दरवाजा खटखटाया। 24 अक्टूबर को लोकायुक्त ने राजेश कुमार, सचिव लोकायुक्त के माध्यम से प्राचार्य मनोज कुमार को नोटिस भेजा। नोटिस में प्राचार्य को अपनी संपत्तियों, आय-व्यय के विवरण, पिछले पांच वर्षों का आयकर रिटर्न (ITR), शपथ पत्र, और अन्य दस्तावेज 28 नवंबर तक लोकायुक्त को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही आरोपों के खंडन में प्राचार्य को सुस्पष्ट साक्ष्य और तार्किक आख्या भी प्रस्तुत करनी होगी।
उपकरण खरीद में अनियमितताओं का आरोप
इस मामले में विष्णुदेव मिश्रा ने यह भी आरोप लगाया है कि बस्ती मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा उपकरणों की खरीद में अनियमितताएं हुई हैं। मिश्रा के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में भारी मात्रा में उपकरणों की खरीद की गई जिनकी गुणवत्ता और कीमत में असंगति पाई गई है। उन्होंने पहले इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा और अन्य उच्चाधिकारियों से जांच की मांग की थी। हालांकि, जांच के बाद भी मामला लटकता रहा। जिससे मिश्रा ने लोकायुक्त के पास शिकायत दायर करने का निर्णय लिया।
इन्होंने भी उठाया मुद्दा
इसके अलावा, भाजपा के पूर्व विधायक संजय जायसवाल ने भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया है और उनके सोशल मीडिया हैंडल पर इस मुद्दे को लेकर कई पोस्ट किए गए हैं। वहीं यूपी कांग्रेस के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भी इस मामले को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। जिससे यह मामला और भी सुर्खियों में आ गया है।
यह बोले प्राचार्य मनोज कुमार
प्राचार्य मनोज कुमार ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें लोकायुक्त का नोटिस प्राप्त हुआ है। वे इसका जवाब तैयार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ निर्धारित समय सीमा के भीतर लोकायुक्त को अपना जवाब देंगे। उनका दावा है कि उनकी संपत्तियां पूरी तरह से कानूनी और वैध हैं और उन्हें किसी भी प्रकार की अनियमितता का कोई दोषी नहीं ठहराया जा सकता।