सरयू नदी के उफान ने बस्ती जिले के कुदरहा विकास क्षेत्र में ग्रामीणों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से हालात गंभीर हो गए हैं।
बस्ती में सरयू नदी का बढ़ता जलस्तर बनी आफत : काली मंदिर और घर नदी में समाए, ग्रामीणों का पलायन शुरू
Sep 20, 2024 13:27
Sep 20, 2024 13:27
ग्रामीणों में भय और पलायन की स्थिति
कुदरहा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव मईपुर और बड़कापुरवा में सरयू नदी का उग्र रूप देखने को मिल रहा है। नदी ने गांव के किनारों को काटना शुरू कर दिया है, जिससे काली मंदिर सहित कई घर नदी में समा गए हैं। ग्रामीण खुद ही अपने घरों को तोड़कर ईंटों और अन्य सामग्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि कुछ बचा सकें। यह स्थिति उनके लिए अत्यंत कठिन और दर्दनाक है, क्योंकि उन्होंने अपनी जमीन और मकान को धीरे-धीरे नदी की धारा में बहते देखा है।
मंदिर और मकानों का नुकसान
नदी की तेज धारा ने मईपुर गांव के बड़कापुरवा क्षेत्र में कटान करते हुए काली मंदिर, एक मकान, और एक मिनी सचिवालय को अपने कब्जे में ले लिया है। ज्ञानचंद नामक ग्रामीण का मकान और मिनी सचिवालय दोनों ही नदी की चपेट में आ चुके हैं। कुछ दिन पहले जब नदी का जलस्तर घटा था, तो ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन जलस्तर के फिर से बढ़ने और कटान के तेज होने से लोग दोबारा चिंतित हो गए हैं।
घरों से सामान निकालकर पलायन
मदरहवा पुरवा क्षेत्र में सरयू नदी ने लगभग सात मीटर कटान करते हुए शेषराम के घर तक पहुंच गई है। लोग अपने घरों से गृहस्थी का सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं। लोगों के चेहरों पर भय साफ नजर आ रहा है। सरकारी एजेंसियों द्वारा कटान रोकने के प्रयास जारी हैं, लेकिन स्थिति इतनी विकट हो चुकी है कि ग्रामीणों को फिलहाल पलायन ही एकमात्र रास्ता दिखाई दे रहा है।
प्रशासन का दावा
बाढ़ खंड के अवर अभियंता एसपी चौधरी ने बताया कि मईपुर और मदरहवा में बचाव कार्य तेजी से जारी है। कटान रोकने के लिए सरकारी मशीनरी पूरी तरह से मुस्तैद है, लेकिन लगातार बढ़ते जलस्तर और तेज बहाव के चलते ग्रामीणों का डर कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
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