उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका गहरा गई है। विशेष रूप से मेंहदावल क्षेत्र में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ा : 300 गांवों में बाढ़ जैसे हालात, प्रशासन अलर्ट
Jul 08, 2024 17:56
Jul 08, 2024 17:56
- राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ा
- तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका
- दो दिनों में नदी का जलस्तर 1.20 मीटर तक बढ़
राप्ती नदी का जलस्तर
वर्तमान में, राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान 79.50 मीटर से मात्र 1.20 मीटर नीचे बह रहा है। यह स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इस बढ़ते जलस्तर के कारण तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है, जिससे क्षेत्र के लगभग 300 गांवों के निवासी भयभीत हैं।
ड्रेनेज खंड तत्काल कार्रवाई शुरू
स्थानीय ड्रेनेज खंड ने इस स्थिति से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग के सहायक अभियंता और अवर अभियंता लगातार तटबंधों पर नजर रखे हुए हैं। विशेष रूप से बेलौली और जोरवा विशुनपुर वागर में, अधिकारियों पानी के बहव को रोकने का प्रयास किया है। कुछ स्थानीय निवासियों का मानना है कि यदि ड्रेनेज खंड ने बारिश से पहले ही तटबंधों की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण पर ध्यान दिया होता, तो ऐसी स्थिति से बचा जा सकता था। विशेष रूप से नौगौ, बेलौहा, जोरवाल, तिवारीपुर, बानडुमर, विशुनपुरबागर, बढ़या, डुमरिया बाबू, थरौली, और बेलौली जैसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
बढ़ते जलस्तर से निपडने के इंतजाम
ड्रेनेज खंड के सहायक अभियंता राम उजागिर लाल ने आश्वासन दिया है कि जलस्तर बढ़ने के बावजूद तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि बांध और जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है, और रात में भी यह प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। करमैनी-बेलौली तटबंध की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। बांध पर रिसाव की समस्या से निपटने के लिए बालू, मिट्टी, पत्थर और इट्टों से भारी बोरी का पर्याप्त स्टॉक रखा गया है।
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नाव तैयार रखने के निर्देश
स्थानीय प्रशासन ने नाविकों को अपनी नावों को तैयार रखने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम ने तहसील क्षेत्र में लगभग 20 नावों को तैयार रखने का आदेश दिया है, ताकि किसी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बाढ़ से बचाव की तैयारियों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरदाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों को नाव और अन्य बचाव उपकरणों को तैयार रखने के साथ-साथ तटबंधों की सतत निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय निवासियों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें। विशेष रूप से नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
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