सिद्धार्थनगर के जिला संयुक्त अस्पताल में एक दुखद घटना सामने आई जब पेट दर्द के इलाज के लिए पहुंचे 18 वर्षीय युवक की इंजेक्शन लगने के कुछ ही मिनटों में मृत्यु हो गई।
सिद्धार्थनगर में युवक की इंजेक्शन लगाते ही मौत : इमरजेंसी वार्ड के कर्मचारियों पर 5 हजार मांगने का आरोप, परिजनों का हंगामा
Nov 18, 2024 18:27
Nov 18, 2024 18:27
इलाज से पहले मांगे गए 5 हजार रुपये
मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि इमरजेंसी वार्ड के कर्मचारियों ने इलाज शुरू करने से पहले 5 हजार रुपये की मांग की। जब परिवार ने डिजिटल पेमेंट के माध्यम से भुगतान करने की पेशकश की, तो अस्पताल के कर्मचारियों ने नगद रुपये पर जोर दिया। इस मुद्दे पर परिजनों और कर्मचारियों के बीच गर्म बहस हुई, जिसके बाद कर्मचारियों ने इलाज शुरू किया। युवक को लगातार तीन इंजेक्शन लगाए गए, लेकिन इंजेक्शन लगने के महज दो मिनट बाद ही युवक की मौत हो गई।
तीन दिन पहले हुआ था एक्सीडेंट
परिजनों ने बताया कि तीन दिन पहले विशाल का एक सड़क दुर्घटना में एक्सीडेंट हुआ था। उस समय भी उसे इसी अस्पताल में लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसका इलाज कर प्लास्टर किया और उसे घर भेज दिया था। मंगलवार को विशाल को पेट में तेज दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद परिवार उसे फिर से उसी अस्पताल में ले आया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही और पैसों की मांग ने युवक की जान ले ली।
अस्पताल पर लापरवाही और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप
मृतक के पिता ने अस्पताल पर लापरवाही और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "यह कैसा अस्पताल है, जहां मरीज की जान से पहले रुपये की मांग की जाती है। मेरे बेटे की मौत के लिए अस्पताल के कर्मचारी जिम्मेदार हैं।" इस आरोप के बाद अस्पताल में तनाव बढ़ गया और परिवार के लोग गुस्से में अस्पताल के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
घटना के बढ़ते हंगामे के बीच मौके पर एसडीएम ललित कुमार मिश्रा और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे। उन्होंने स्थिति को नियंत्रित किया और परिजनों को आश्वासन दिया कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। एसडीएम ने स्पष्ट किया कि दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों और स्थानीय लोगों की मांग
इस घटना के बाद से परिजनों और स्थानीय निवासियों में आक्रोश का माहौल है। परिजनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि दोषी कर्मचारियों को तुरंत बर्खास्त किया जाए और अस्पताल की कार्यप्रणाली में सुधार लाया जाए। स्थानीय लोगों का भी कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं से अस्पताल की साख पर बुरा प्रभाव पड़ता है और प्रशासन को इस मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता
यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है। मरीजों और उनके परिजनों के अनुसार, सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों द्वारा पैसों की मांग एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है। प्रशासन की निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की उम्मीद है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों।
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