चित्रकूट के कालिंजर दुर्ग में पुरातत्व विभाग ने हवन-पूजन पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। जिसके चलते यज्ञ वेदी को पत्थर रखकर उसे बंद कर दिया गया है। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों...
Chitrakoot News : पुरातत्व विभाग ने कालिंजर दुर्ग में हवन-पूजन पर लगाई रोक, वेदी को पत्थर लगाकर किया बंद
Jul 11, 2024 17:37
Jul 11, 2024 17:37
पुरातत्व विभाग के फैसलें का हो रहा विरोध
बता दें कि इस आदेश के बाद भी सोमवार को हवन कार्यक्रम में शामिल प्रधान दयाराम सोनकर, प्रधानपति मसौनी राजा यादव, केसन कुशवाहा, रामबली, राजा, बलवीर व अन्य ग्रामीणों ने इस सनातन परंपरा को बंद करने पर पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों का विरोध किया। वहीं पुरातत्व विभाग के संरक्षण सहायक सत्येंद्र कुमार ने बताया कि डायरेक्टर पुरातत्व विभाग ने वर्ष 2021 में यहा आकर खुद हवन कुंड को बंद कराया था। लेकिन जब पूछा गया तो बताया कि लिखित में कोई आदेश नहीं है। मौखिक आदेश के तहत हवन कुंड बंद कराया गया। इसके अलावा बताया कि नीलकंठ मंदिर में भगवान नीलकंठ को जल चढ़ाने व छूने तक के लिए रोक लगा दी गई है।
पीएम से करेंगे शिकायत
राजपुरोहित परिवार नीलकंठ मंदिर के दिनेश कुमार मिश्रा ने बताया कि कालिंजर दुर्ग में सनातन धर्म के अनुसार पूजा-पाठ, यज्ञ-अनुष्ठान होता चला आया है। यहां पर लोग आते रहते है, यह दार्शनिक स्थान है। जिसका पद्म पुराण, शिव पुराण, महाभारत में भी उल्लेख मिलता है। इसके आगे कहा कि पुरातत्व विभाग के कर्मियों द्वारा पूजा-पाठ यज्ञ अनुष्ठान बंद करवाने का यह कार्य निंदनीय है। जिसके बाद अब इसकी शिकायत वह प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से करेंगे।
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