चित्रकूट में सीसीटीवी से महत्वपूर्ण स्थलों जैसे प्रमुख चौराहों, रामघाट, मठ-मंदिरों और अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों की निगरानी की जाएगी। कैमरों को यातायात कार्यालय के केंद्रीय कमांड कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा।
बदलता उत्तर प्रदेश : आस्था की नगरी बनेगी अब सुरक्षा की मिसाल, जिले में लगे 3000 अत्याधुनिक सीसीटीवी
Sep 28, 2024 14:58
Sep 28, 2024 14:58
प्रमुख स्थलों पर लगाए गए कैमरे
इन सीसीटीवी कैमरों को जिले के महत्वपूर्ण स्थलों जैसे प्रमुख चौराहों, रामघाट, मठ-मंदिरों और अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर स्थापित किया गया है। शहर के मुख्य चौराहों से लेकर मंदिर परिसर तक की हर गतिविधि पर अब इन कैमरों के जरिए कड़ी नजर रखी जा सकेगी। श्रद्धालुओं की भीड़, धार्मिक आयोजनों के समय बढ़ती जनसंख्या और अपराधियों की गतिविधियों पर पुलिस का नियंत्रण मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
कमांड कंट्रोल रूम से जुड़ी सुरक्षा व्यवस्था
इन सीसीटीवी कैमरों को चित्रकूट के यातायात कार्यालय में स्थित एक केंद्रीय कमांड कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है, जिससे जिले की सुरक्षा और निगरानी का पूरा नियंत्रण इस एक केंद्र से किया जा सकता है। किसी भी प्रकार की आपात स्थिति या अपराध की घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सकेगी। पुलिस अधिकारी इस कंट्रोल रूम के जरिए जिले के विभिन्न हिस्सों की लाइव फुटेज देख सकेंगे और स्थिति के अनुसार तत्काल एक्शन ले सकेंगे।
विधायकों का भी रहा योगदान
इस सुरक्षा परियोजना को साकार करने में चित्रकूट के स्थानीय नेताओं और विधायकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जिले के दो प्रमुख विधायकों, अनिल प्रधान और अविनाश चंद्र द्विवेदी, ने अपनी विधायक निधि से इस परियोजना के लिए आर्थिक सहयोग दिया है। उनके इस सहयोग ने न केवल सुरक्षा को बढ़ावा दिया है, बल्कि इससे जिले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण का निर्माण भी किया गया है।
डीआईजी अजय कुमार सिंह का बयान
चित्रकूट धाम मंडल के डीआईजी अजय कुमार सिंह ने इस सुरक्षा व्यवस्था की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह सुरक्षा व्यवस्था अपराधियों पर कड़ी नजर रखने और किसी भी अप्रिय घटना को तुरंत रोकने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रमुख चौराहों और थानों पर लगे इन सीसीटीवी कैमरों से पुलिस तुरंत अलर्ट हो सकेगी और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में सहायता मिलेगी।
डीआईजी ने यह भी बताया कि इस पहल से न केवल अपराध दर में कमी आएगी, बल्कि श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों के लिए भी सुरक्षा का माहौल और सुदृढ़ होगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से चित्रकूट को केवल धार्मिक पर्यटन का केंद्र नहीं, बल्कि सुरक्षा के क्षेत्र में भी एक मिसाल के रूप में देखा जाएगा।
विधायकों ने दी प्रतिक्रिया
सदर और मऊ मानिकपुर के विधायकों ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि यह सुरक्षा व्यवस्था जिले को एक नई पहचान देगी। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में जिले में और भी तकनीकी सुधार किए जाएंगे ताकि सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाया जा सके।
सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम
यह कदम चित्रकूट में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक बड़ी पहल है। धार्मिक नगरी होने के नाते यहां हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जिससे भीड़भाड़ बढ़ जाती है और ऐसे में सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती होती है। इस सुरक्षा पहल से अपराध पर काबू पाने के साथ-साथ यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी भी प्रकार की अनहोनी या असामाजिक गतिविधि पर तत्काल कार्रवाई की जा सके।
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