प्रभु श्री राम की पावन तपोस्थली चित्रकूट में आगामी 31 अगस्त को देश के कोने-कोने से हजारों साधु-संत एकत्र होंगे। यहां एक महत्वपूर्ण समागम सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के संदर्भ में भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चित्रकूट में साधु-संतों का महा समागम : राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा का संदेश देंगे, 31 अगस्त को भव्य सम्मेलन
Aug 30, 2024 12:11
Aug 30, 2024 12:11
शोभायात्रा निकाली जाएगी
चित्रकूट में होने वाले इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में देशभर के साधु-संत एकत्र होंगे और हिंदू संस्कृति और एकता का प्रदर्शन करते हुए शोभायात्रा निकालेंगे। नरेंद्र मोदी विचार मंच द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम रामघाट स्थित भरत मंदिर से दोपहर 12:00 बजे प्रारंभ होगा। शोभायात्रा में हाथी, घोड़े, बग्गी और बैंड बाजा भी शामिल होंगे।
भरत मंदिर के महंत दिव्य जीवन दास ने जानकारी दी कि इस शोभायात्रा के बाद साधु-संतों की एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। इसमें साधु-संत अपने चेतनात्मक शक्ति को जागरूक करने के उद्देश्य से विचार-विमर्श करेंगे। इस आयोजन में देश के राष्ट्रीय स्तर के साधु-संत भी अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे।
साधु-संतों को एकजुट करना उद्देश्य
नरेंद्र मोदी विचार मंच के पदाधिकारी सूरज ब्रम्हे ने बताया कि संगठन का गठन 22 जून 2004 को राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि चाणक्य के मार्गदर्शन में हुआ था और इसमें तीन करोड़ से अधिक सदस्य कार्यरत हैं। ब्रम्हे ने कहा, "हमारा उद्देश्य साधु-संतों को एकजुट करना है ताकि भारत में भी ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो, जैसी बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदू भाइयों के साथ हो रही है। साधु-संतों के माध्यम से हम देश की रक्षा के लिए एक मजबूत आधार तैयार करना चाहते हैं।"
चित्रकूट में होने वाले इस साधु संत सम्मेलन से धार्मिक नगरी भक्ति और आस्था के रंग में रंग जाएगी और एकता का संदेश पूरे देश में गूंजेगा।
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