घर में घुसकर तमंचा, कुल्हाड़ी व लाठी से मारपीट करने, गाली गलौज करने व जान से मारने की धमकी देते हुए जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने में चार अभियुक्तों को चार चार वर्ष के सश्रम कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
तमंचा व कुल्हाड़ी लेकर घर में घुसकर मारपीट में चार लोगों को 4 साल की सजा : एससी-एसटी एक्ट कोर्ट ने सुनाया फैसला
Sep 08, 2024 01:09
Sep 08, 2024 01:09
30 मार्च 2008 का मामला
यह मामला हमीरपुर के कुरारा थाना क्षेत्र के कंडौर गांव का है, जहां 30 मार्च 2008 को धर्मेंद्र सिंह, करन सिंह, महेश सिंह और छुट्टू सिंह ने एक राय होकर सशस्त्र हमला किया था। आरोपियों ने तमंचा, कुल्हाड़ी और लाठियों से लैस होकर एक घर में घुसकर पीड़ितों के साथ मारपीट की। इस दौरान आरोपियों ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए पीड़ितों को अपमानित किया और जान से मारने की धमकी दी थी। इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147, 148, 452, 323, 325, 504, 506 और एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
न्यायिक प्रक्रिया
इस मामले की जांच तत्कालीन क्षेत्राधिकारी जोगेंद्र लाल ने की थी, जबकि विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह ने अभियोजन का नेतृत्व किया। पुलिस की ओर से पैरवी करने वाले कांस्टेबल रजनीश कुमार ने मामले को समयबद्ध रूप से अदालत में पेश किया। अभियोजन पक्ष ने सभी गवाहों और सबूतों को अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया, जिससे अदालत ने आरोपियों को दोषी करार दिया।
अदालत का फैसला
एससी/एसटी एक्ट कोर्ट ने धर्मेंद्र सिंह, करन सिंह, महेश सिंह और छुट्टू सिंह को दोषी ठहराते हुए प्रत्येक को 4 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही, प्रत्येक आरोपी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस मामले में दो अन्य आरोपी गोविंद सिंह और रामराज सिंह की मौत हो चुकी है, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।
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