Hamirpur News : बैलगाड़ी से ससुराल के लिए विदा हुई दुल्हन, लोग हैरान, जानें क्या है मामला...

बैलगाड़ी से ससुराल के लिए विदा हुई दुल्हन, लोग हैरान, जानें क्या है मामला...
UPT | मायके से विदा होकर बैलगाड़ी से ससुराल जा रही दुल्हन।

Mar 04, 2024 17:08

हेलीकॉप्टर और महंगी से महंगी गाड़ियों से दुल्हन के विदा होने के बहुत से किस्से आपने सुने और देखे होंगे। लेकिन, यूपी के हमीरपुर जिले में एक पिता ने अपनी बेटी को बैलगाड़ी...

Mar 04, 2024 17:08

Hamirpur News : हेलीकॉप्टर और महंगी से महंगी गाड़ियों से दुल्हन के विदा होने के बहुत से किस्से आपने सुने और देखे होंगे। लेकिन, यूपी के हमीरपुर जिले में एक पिता ने अपनी बेटी को बैलगाड़ी से विदा कर सबको हैरान कर दिया। बैलगाड़ी से जब दुल्हन विदा हुई तो इसे देखने के लिए सैकड़ों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। नई नवेली दुल्हन बैलगाड़ी से ही अपने विदाई स्थल से दो किलोमीटर दूर अपनी ससुराल पहुंच गई। ससुरालियों ने भी नई नवेली दुल्हन का स्वागत कर उसके भावी जीवन के लिए आशीर्वाद दिया। 

30 मिनट में ससुराल पहुंची दुल्हन
जिले के राठ कोतवाली कस्बा निवासी भाजपा नेता प्रीतम सिंह किसान की बेटी रुचि सिंह राजपूत की शादी कस्बे के ही पठानपुरा निवासी डॉ. कनिष्क माहुर के साथ हुई है। शादी की सारी रस्मों के बाद विदाई का समय आया। विदाई के लिए पिता ने बैलगाड़ी तैयार करवाई और उसी में बेटी को बैठाकर विदा किया। बैलगाड़ी रास्ते से गुजरते हुये ससुराल की ओर जा रही थी। उसके पीछे गाड़ियों का काफिला देखकर लोग जहां के तहां ठहर कर देखने को मजबूर हो गये। बैलगाड़ी से करीब 30 मिनट में दुल्हन अपने ससुराल पहुंच गयी।

इंटीरियर डिजाइनर दुल्हन बैलगाड़ी से पहुंची ससुराल 
भाजपा नेता प्रीतम सिंह किसान की बेटी रुचि सिंह पेशे से इंटीरियर डिजाइनर है। कल शादी के बाद जब वह अपने पिता के घर से विदा हुई तो सजी बैलगाड़ी में सवार होकर अपने ससुराल को रवाना हुई। पिता प्रीतम सिंह की मानें तो वो अपनी बेटी की विदाई को यादगार बनाना चाहते थे। परिजनों से चर्चा के बाद उन्होंने बैलगाड़ी से अपनी बेटी को विदा करने का निर्णय लिया था। पहले के समय मे भी बेटियों को बैलगाड़ी से ही विदा किया जाता था। लेकिन, लोग आधुनिकता के चलते अपनी पुरानी परम्पराओं और संस्कृति को भूल चुके हैं। इसीलिए उन्होंने अपनी बेटी को बैलगाड़ी में विदा किया है।

गौवंशों के संरक्षण के लिए बेटी को बैलगाड़ी से विदा किया 
पिता प्रीतम सिंह की मानें तो बुंदेलखंड में अन्ना प्रथा यहां के किसानों की फसलों की दुश्मन बनी है। लोग दूध न देने के चलते अपने गौवंशों को आवारा छोड़ देते हैं। बैलगाड़ी की जगह टैक्टरों ने ले ली है। लोग शादी के लिए महंगी-महंगी गाड़ियों पर हजारों रुपये बर्बाद करते हैं। ऐसे में उन्होंने बैलगाड़ी से अपनी बेटी को विदा कर लोगो को गौवंशों के संरक्षण के लिए जागरूक करने की कोशिश की है। जिससे लोग अपनी पुरानी परंपराओं का पालन करें और किसानों की कुछ अतिरिक्त आमदनी हो सके। 

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