चित्रकूट में आगामी महाकुंभ की तैयारियों और संत समाज की सेवा के लिए आयोजित बैठक में पहुंचे जय बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन उपाध्याय ने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की हिंदू एकता पदयात्रा पर कड़ा हमला किया।
चित्रकूट में संत समाज की बैठक : नितिन उपाध्याय ने उठाए सवाल, बागेश्वर धाम की हिंदू एकता पदयात्रा पर किया हमला
Nov 24, 2024 19:03
Nov 24, 2024 19:03
कांग्रेस नेता की भागीदारी पर उठे सवाल
उपाध्याय ने कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री की यात्रा में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के पुत्र की भागीदारी ने यात्रा की नीयत को संदिग्ध बना दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग पहले हिंदू धार्मिक मुद्दों पर विवादास्पद बयान देते थे, वे इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं। उपाध्याय ने कहा, "गाय को मात्र एक पशु कहने वाले और आतंकी हाफिज सईद को 'साहब' कहने वाले लोग यदि इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं, तो फिर हिंदू एकता का उद्देश्य कैसे पूरा होगा?"
राजनीतिक महत्वाकांक्षा का आरोप
नितिन उपाध्याय ने पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की इस यात्रा को "राजनीतिक यात्रा" बताते हुए कहा कि यह उनकी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा से प्रेरित है। उन्होंने कहा, "जिस तरह योगी आदित्यनाथ एक संत से मुख्यमंत्री बने, उसी तरह धीरेन्द्र शास्त्री भी मध्यप्रदेश की राजनीति में अपनी जगह बना रहे हैं। यह बहुत संभव है कि आने वाले चुनावों में वे यह कहेंगे कि भक्तों की मांग पर उन्हें चुनाव लड़ना पड़ रहा है।"
भाई पर लगाए गंभीर आरोप
उपाध्याय ने धीरेन्द्र शास्त्री के भाई सालिग्राम शास्त्री पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सालिग्राम पर दलितों के प्रति दुर्व्यवहार और टोल प्लाजा पर गुंडागर्दी का आरोप है। उपाध्याय ने सवाल उठाया, "अगर वे अपने सगे भाई को नियंत्रित नहीं कर सकते, तो फिर हिंदू एकता का सपना कैसे साकार होगा?"
विदेशी यात्राओं पर भी साधा निशाना
उपाध्याय ने धीरेन्द्र शास्त्री की विदेशी यात्राओं पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वे सच में हिंदू एकता का संदेश देना चाहते हैं, तो उन्हें बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में जाकर सनातन धर्म का प्रचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि असली हिंदू एकता का संदेश महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों से ही दिया जा सकता है।
ध्यान भटकाने की कोशिश का आरोप
नितिन उपाध्याय ने धीरेन्द्र शास्त्री पर आरोप लगाया कि वे अपनी लोकप्रियता को राजनीतिक फायदे के लिए भुना रहे हैं। उन्होंने कहा, "पदयात्रा के जरिए वे बड़े राजनीतिक नेताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं और अपने राजनीतिक भविष्य के लिए मंच तैयार कर रहे हैं।" उपाध्याय ने इस यात्रा को ध्यान भटकाने का एक प्रयास बताया और कहा कि इसका असली मकसद धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक है।
संत समाज में गर्म हुई चर्चाएं
उपाध्याय के इन आरोपों के बाद संत समाज में हलचल तेज हो गई है। संत समाज और धीरेन्द्र शास्त्री के समर्थकों में इस विषय पर चर्चा का दौर शुरू हो गया है। हालांकि, अभी तक धीरेन्द्र शास्त्री या उनके समर्थकों की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उपाध्याय के आरोपों ने हिंदू एकता पदयात्रा की नीयत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे संत समाज में बहस छिड़ गई है।