Chitrakoot News : भगवान राम से जुड़ा कंदमूल फल, भक्तों के लिए प्रसाद और स्वास्थ्य का प्रतीक

भगवान राम से जुड़ा कंदमूल फल, भक्तों के लिए प्रसाद और स्वास्थ्य का प्रतीक
UPT | भगवान राम से जुड़ा कंदमूल फल

Sep 15, 2024 17:46

धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चित्रकूट की पावन भूमि पर भगवान श्री राम के वनवास काल की यादें आज भी जीवंत हैं। विशेष रूप से, कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर मिलने वाला एक अनूठा फल, जिसे कंदमूल के नाम से जाना जाता है...

Sep 15, 2024 17:46

Chitrakoot News : धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चित्रकूट की पावन भूमि पर भगवान श्री राम के वनवास काल की यादें आज भी जीवंत हैं। विशेष रूप से, कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर मिलने वाला एक अनूठा फल, जिसे कंदमूल के नाम से जाना जाता है, श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक आस्था का प्रतीक बन गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह वही फल है जिसे भगवान श्री राम ने अपने वनवास काल के दौरान सेवन किया था। यही कारण है कि यहां आने वाले भक्त इसे प्रभु का प्रसाद मानकर ग्रहण करते हैं और अपने साथ घर भी ले जाते हैं।

कंदमूल: भगवान राम के प्रेम का प्रतीक
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर मिलने वाले इस कंदमूल फल को प्रभु श्री राम के प्रेम और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। श्रद्धालु इसे न केवल प्रसाद रूप में ग्रहण करते हैं, बल्कि अपने परिजनों के लिए भी ले जाते हैं। यह फल चित्रकूट के अलावा अन्यत्र कहीं नहीं मिलता, और इसे केवल कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर ही बेचा जाता है। यहां की दुकानों पर इसे 10 रुपये प्रति पीस की दर से बेचा जाता है, और भक्त इसे बड़ी श्रद्धा से खरीदते हैं।

धार्मिक महत्ता के साथ स्वास्थ्यवर्धक गुण
कंदमूल की महत्ता केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां के दुकानदारों का कहना है कि यह फल नासिक से मंगवाया जाता है, और यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। भक्तजन इसे भगवान श्री राम के आशीर्वाद के साथ-साथ एक पौष्टिक आहार के रूप में भी देखते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस फल का सेवन करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मनुष्य को शारीरिक और मानसिक बल प्राप्त होता है।

चित्रकूट आने वाले भक्तों के लिए कंदमूल का महत्व
चित्रकूट आने वाले हर भक्त के लिए कंदमूल एक विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। यह फल उन्हें भगवान राम के वनवास काल की याद दिलाता है और उनकी आस्था को और प्रगाढ़ बनाता है। श्रद्धालु इसे प्रभु का प्रसाद मानकर अपने साथ घर ले जाते हैं, ताकि वे भगवान श्री राम के आशीर्वाद और प्रेम को अपने जीवन का हिस्सा बना सकें। 

आस्था और श्रद्धा का प्रतीक
कंदमूल की महत्ता सिर्फ एक धार्मिक कथा से जुड़ी नहीं है, बल्कि यह फल भक्तों के लिए श्रद्धा और आस्था का प्रतीक बन चुका है। कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर इसे देखकर और खरीदते हुए श्रद्धालुओं के चेहरे पर एक विशेष प्रकार की आस्था झलकती है।

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