नवरात्रि उत्सव : मां भगवती की आराधना के साथ खेले गए गरबा और डांडिया, उत्सव में दिखे सांस्कृतिक विरासत के रंग

मां भगवती की आराधना के साथ खेले गए गरबा और डांडिया, उत्सव में दिखे सांस्कृतिक विरासत के रंग
UPT | गरबा और डांडिया की प्रस्तुति देतीं महिलाएं।

Oct 09, 2024 20:34

चित्रकूट में नवरात्रि उत्सव पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। गरबा और डांडिया के कार्यक्रमों ने इस उत्सव को रंगीन और उत्साहपूर्ण बना दिया है। इस वर्ष के नवरात्रि उत्सव में 16 टीमें शामिल हैं, जिनमें 300 से अधिक प्रतिभागी नौ दिनों तक गरबा और डांडिया की प्रस्तुति देंगे।

Oct 09, 2024 20:34

Chitrakoot News : चित्रकूट में परमहंस संत श्री रणछोड़दास जी महाराज द्वारा स्थापित अंतर्राष्ट्रीय नेत्र सेवा संस्थान, श्री सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट में इस वर्ष भी नवरात्रि उत्सव पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। सदगुरु महिला समिति की अध्यक्ष उषा जैन के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में 40 वर्षों से चली आ रही मां भगवती की आराधना और भी भव्य रूप लेती जा रही है। हर साल की तरह इस वर्ष भी गरबा और डांडिया के कार्यक्रमों ने इस उत्सव को रंगीन और उत्साहपूर्ण बना दिया है।

पहले केवल ढोलक की थाप पर महिलाएं गरबा करती थीं
उषा जैन ने बताया कि पहले केवल ढोलक की थाप पर महिलाएं गरबा करती थीं, लेकिन अब सदगुरु परिवार के सभी उम्र के लोग, विशेषकर बच्चे, भी इस आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं। इस वर्ष के नवरात्रि उत्सव में 16 टीमें शामिल हैं, जिनमें 300 से अधिक प्रतिभागी नौ दिनों तक गरबा और डांडिया की प्रस्तुति देंगे। यह उत्सव सदगुरु परिवार के लिए सामूहिक आनंद और भक्ति का प्रतीक बन चुका है, जहां हर उम्र के लोग उत्साह के साथ भाग लेते हैं।

महाष्टमी और नवमी के अवसर पर टीमों के बीच फाइनल प्रतियोगिताएं होंगी 
प्रतियोगिता में भाग लेने वाली प्रमुख टीमों में नन्ही परिया, बालगोपाल, सनातनी, मां अम्बे, ईश्वरी, विनायक, वीणावादिनी और गुरुकृपा जैसी टीमें शामिल हैं। महाष्टमी और नवमी के अवसर पर इन टीमों के बीच फाइनल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी, जो पूरे उत्सव का मुख्य आकर्षण होंगी। सदगुरु परिवार के ट्रस्टी डॉ. बी.के. जैन, डॉ. इलेश जैन और उषा जैन ने सभी चित्रकूटवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएँ दीं और उन्हें इस पवित्र महापर्व में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। यह उत्सव न केवल धार्मिक भक्ति का प्रतीक है, बल्कि सामूहिक उत्सवधर्मिता और समाज की एकता का भी संदेश देता है। 

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