भेड़ियों के इन लगातार हो रहे हमलों से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया है। शनिवार रात करीब 12 बजे भेड़ियों ने नकाही गांव के 7 वर्षीय बालक पारस पर हमला किया था, जबकि रविवार सुबह चार बजे मैकूपुरवा दरैहिया के निवासी कुन्नू (55) को निशाना…
बहराइच में भेड़ियों का आतंक : आदमखोर के हमलों से दहशत में लोग, वन विभाग ने दिए जिंदा या मुर्दा पकड़ने के आदेश
Sep 04, 2024 15:24
Sep 04, 2024 15:24
लगातार हो रहे हमलों से बढ़ रहा आक्रोश
भेड़ियों के इन लगातार हो रहे हमलों से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया है। शनिवार रात करीब 12 बजे भेड़ियों ने नकाही गांव के 7 वर्षीय बालक पारस पर हमला किया था, जबकि रविवार सुबह चार बजे मैकूपुरवा दरैहिया के निवासी कुन्नू (55) को निशाना बनाया। रविवार रात नव्वन गरेठी की रहने वाली अंजली (5) को भेड़िए ने जान से मार डाला। इसके बाद कोटिया की निवासी कमला (60) और सुमन (55) को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया। इन घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में खौफ का माहौल बना दिया है।
भेड़िए की बार-बार दस्तक
नव्वन गरेठी की निवासी अंजली की मां नीलू के पास से भेड़िया रविवार रात बच्ची को उठा ले गया था। इसके बाद सोमवार को फिर भेड़िए ने उसी गांव में दस्तक दी। ग्रामीणों के अनुसार, भेड़िए को तीन बार गांव में देखा गया, लेकिन हर बार वह ग्रामीणों की घेराबंदी से बचकर भाग निकला। इससे यह साफ हो गया है कि भेड़िया अब गांव को निशाना बनाकर लगातार हमला कर रहा है।
वन विभाग की सख्त कार्रवाई
भेड़ियों के इन हमलों को रोकने और उन्हें पकड़ने के लिए वन विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) वन्यजीव, संजय श्रीवास्तव ने दो खूंखार भेड़ियों को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के आदेश जारी किए हैं। वन विभाग ने इस चुनौती से निपटने के लिए चार तरह के अलग-अलग कामों में टीमें गठित की हैं। इसके अलावा, भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए भी कार्ययोजना तैयार की जा रही है ताकि कम नुकसान के साथ इस समस्या का समाधान किया जा सके।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, बहराइच में बच्चों पर हमला करने वाले भेड़ियों का एक समूह था, जिसमें छह भेड़िए शामिल थे। इनमें से चार को पहले ही पकड़ लिया गया है, जबकि दो अभी भी फरार हैं। ड्रोन कैमरे के जरिये इन भेड़ियों की स्थिति का पता लगाया जा रहा है, और इन्हें पकड़ने के लिए टीमें दिन-रात काम कर रही हैं।
भेड़ियों की लोकेशन के लिए पेट्रोलिंग
वन विभाग द्वारा गठित टीमों में से एक टीम भेड़ियों की लोकेशन का पता लगाने के लिए पेट्रोलिंग करेगी। दूसरी टीम भेड़ियों को बेहोश करने के लिए उन्हें घेरे में लेगी। तीसरी टीम उन्हें पकड़ने का काम करेगी, और चौथी टीम पकड़े गए भेड़ियों के बारे में निर्णय लेगी। पीसीसीएफ, संजय श्रीवास्तव ने बताया कि प्रयास यह है कि भेड़ियों को बेहोश कर काबू में किया जाए, लेकिन अगर यह संभव नहीं हो पाता है, तो उन्हें मारने की भी अनुमति दी गई है।
छत पर सोने से टाला जा सकता है खतरा
वन्यजीव प्रमुख ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे रात में खुले में न सोएं। उन्होंने कहा कि छत पर सोने से भेड़ियों के हमले से बचा जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि भेड़िए हर जिले में पाए जाते हैं, लेकिन सामान्यतः वे इंसानों पर हमला नहीं करते। हालांकि, अगर किसी झुंड के भेड़ियों के मुंह इंसानों के मांस का स्वाद लग जाता है, तो वे खासकर बच्चों पर हमला करने लगते हैं। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि भेड़ियों की प्राकृतिक मांद में पानी भर जाने से वे आबादी की ओर रुख कर लेते हैं।
डब्ल्यूआईआई की टीम करेगी भेड़ियों का अध्ययन
बहराइच में भेड़ियों के लगातार हो रहे हमलों के बाद, भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) देहरादून की एक टीम को यहां भेजा गया है। यह टीम आदमखोर भेड़ियों का अध्ययन करेगी और इन भेड़ियों के हाइब्रिड यानी संकर प्रजाति के होने की संभावना का पता लगाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, भेड़िये और कुत्ते अंतरजन्य प्रजातियां मानी जाती हैं, जो आपस में प्रजनन करके संतान पैदा कर सकते हैं। इस तरह से उत्पन्न होने वाले हाइब्रिड भेड़िये अधिक आक्रामक होते हैं और उनमें आदमखोर होने की प्रवृत्ति अधिक पाई जाती है।
डब्ल्यूआईआई के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम बहराइच पहुंच चुकी है और वह यूपी वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर चुकी है। इस टीम द्वारा भेड़ियों का डीएनए सैंपल लेकर आगे की जांच की जाएगी ताकि इस समस्या का सही समाधान निकाला जा सके। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भेड़ियों के हाइब्रिड प्रजाति के होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है।
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