बहराइच हिंसा के बाद बुलडोजर एक्शन को लेकर आज शीर्ष अदालत में सुनवाई होनी है। सु्प्रीम कोर्ट ने हिंसा के आरोपियों के खिलाफ राज्य सरकार की प्रस्तावित कार्रवाई पर बुधवार तक के लिए रोक लगाई थी
बहराइच में बुलडोजर एक्शन पर 'सुप्रीम' सुनवाई आज : शीर्ष अदालत ने पहले लगा दी थी रोक, जानिए क्या है पूरा मामला
Oct 23, 2024 11:41
Oct 23, 2024 11:41
- बुलडोजर एक्शन पर सुनवाई आज
- सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक
- राज्य सरकार ने भरी थी हामी
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक
दरअसल बहराइच में हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने आरोपियों के घर बुलडोजर चलाने का फैसला किया था। इसके लिए बाकायदा नोटिस भी चस्पा किए गए थे। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई व जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ इस मामले में सुनवाई की। सरकार ने अवैध निर्माण की दलील दी, तो कोर्ट ने कहा कि आप इस अदालत के पारित आदेशों को जानते हैं। अगर राज्य सरकार इन आदेशों का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना चाहती है तो यह उसकी पसंद है।
राज्य सरकार ने भरी थी हामी
सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में राज्य सरकार से कहा खा कि बुधवार तक बहराइच में कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। इसके बाद यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने इस पर सहमति जताई थी। नटराज ने कहा कि हम इस पर कुछ नहीं करेंगे। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका पहले ही दायर की जा चुकी है और 15 दिन का नोटिस दिया गया है। इस पर आवेदक के वकील ने कहा कि हाईकोर्ट ने मामले में किसी तरह का संरक्षण नहीं दिया है।
कोर्ट ने दिया था आदेश
शीर्ष अदालत ने एक अक्तूबर को अपने पूर्व आदेश को आगे बढ़ाते हुए राज्यों द्वारा बिना अनुमति के आपराधिक मामलों में आरोपियों की संपत्तियों को ध्वस्त करने पर रोक लगा दी। अदालत ने 17 सितंबर को दिए गए आदेश में स्पष्ट किया था कि अतिक्रमण से जुड़ी कार्रवाई, जैसे सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइनों या जल निकायों पर की गई कार्रवाई, छूट के दायरे में होगी। इस संबंध में अदालत ने दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्णय भी सुरक्षित रखा। इससे पहले, 2 सितंबर को अदालत ने इस बात पर जोर दिया था कि किसी व्यक्ति पर अपराध का आरोप लगने के बाद उसके घर या दुकान को ध्वस्त करने के विवादास्पद मुद्दे को सुलझाने के लिए पूरे देश में एक समान दिशा-निर्देश लागू किए जाएंगे।
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