बहराइच में भेड़िए का आतंक जारी : 8 साल के बच्चे और वृद्ध पर किया हमला, वन विभाग असफल

8 साल के बच्चे और वृद्ध पर किया हमला, वन विभाग असफल
UPT | बहराइच में भेड़िए का आतंक जारी

Sep 01, 2024 13:58

शनिवार रात को भेड़िए ने दो लोगों पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में एक 8 वर्षीय बच्चे और एक 55 वर्षीय वृद्ध को गंभीर चोटें आईं...

Sep 01, 2024 13:58

Bahraich News : बहराइच जिले के महसी इलाके में खूंखार भेड़िए का आतंक बढ़ता जा रहा है। वन विभाग की टीम इस शिकारी भेड़िए को पकड़ने के लिए सभी प्रयास कर रही है, लेकिन भेड़िया अब भी हमलों के लिए सक्रिय नजर आ रहा है। शनिवार रात को भेड़िए ने दो लोगों पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में एक 8 वर्षीय बच्चे और एक 55 वर्षीय वृद्ध को गंभीर चोटें आईं। दोनों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

चारपाई पर सो रहे बच्चे पर किया हमला
भेड़िए के आतंक ने करीब 50 गांवों के लोगों को चिंता में डाल रखा है। इस स्थिति में भेड़ियों को पकड़ने की प्रक्रिया कब पूरी होगी, इसका कोई निश्चित जवाब नहीं है। 8 साल के घायल बच्चे पारस के परिवार ने जानकारी दी है कि बच्चा रात को चारपाई पर सो रहा था। लगभग 1:30 बजे, एक भेड़िया उसके पास आया और उसकी गर्दन को पकड़ लिया। बच्चे ने चीख-पुकार शुरू की और अपनी जान बचाने के लिए पास में रखी किसी चीज़ को पकड़कर खींचने लगा। भेड़िया भी उसे अपनी ओर खींचता रहा। पारस के परिजन बच्चे की चीखें सुनकर जाग गए और हल्ला मचाया। शोर सुनकर भेड़िया बच्चे को घायल कर के वहां से भाग गया। परिजनों ने बताया कि उन्होंने भेड़िए को अपने आंखों से देखा।



सुबह बुजुर्ग पर किया हमला
वहीं सुबह चार बजे मैकुपुरवा गांव में एक घर में सो रहे कुन्नू लाल पर भेड़िया ने हमला किया। कुन्नू लाल ने बताया कि जब वह चारपाई पर बैठे थे, अचानक भेड़िया ने उन पर हमला कर दिया। भेड़िया चारपाई पर चढ़ गया और उनकी गर्दन पर झपट पड़ा। कुन्नू लाल का कहना है कि यदि कोई बच्चा वहां होता, तो भेड़िया उसे उठा ले जाता। जब उन्होंने शोर मचाया, तब ही आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और भेड़िया वहां से भाग गया। कुन्नू लाल ने भेड़िए के बारे में बताया कि उसका चेहरा लंबा था, वह काफी चुस्त और स्वस्थ लग रहा था, और वह लंगड़ा नहीं था। वन विभाग की टीम की गतिविधियों के समाप्त होते ही भेड़िया ने हमला किया।

दोनों की हालत में सुधार
अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, डॉक्टर ने बताया कि घायल मरीजों को आवश्यक दवाएं और इंजेक्शन प्रदान किए गए हैं और उनका इलाज जारी है। सही समय पर भर्ती कराए जाने के कारण अब उनकी हालत में सुधार है और खतरा कम हो गया है। डॉक्टर ने यह भी कहा कि इस इलाके में भेड़ियों या आदमखोर जानवरों का आतंक जारी है, और वन विभाग की टीमें इस पर नजर रखे हुए हैं। इससे यह संभावना जताई जा रही है कि घायलों पर भेड़ियों ने ही हमला किया होगा। डॉक्टर ने यह भी पुष्टि की कि घायलों के परिवारजनों ने भी भेड़िये के हमले की बात कही है।

यहां से शुरू हुई थी घटना
भेड़ियों के आतंक की शुरुआत सबसे पहले औराही गांव से हुई थी। यहां भेड़ियों ने सात और सात साल के दो बच्चों पर हमला किया। इसके बाद, डेढ़ महीने पहले, फिरोज नाम के एक बच्चे पर भेड़ियों के झुंड ने हमला किया। उस समय बच्चा अपनी मां के साथ सो रहा था, और रात लगभग 12 बजे, भेड़िया घर के बरामदे में घुस आया और बच्चे की गर्दन पकड़कर भाग गया।

जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि भेड़िए कुनबे में रहते हैं और एक साथी के खो जाने से वे और अधिक खतरनाक हो सकते हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि शेष दो भेड़ियों में से एक लंगड़ा है, जिसके सबसे अधिक आक्रामक होने की आशंका है। यह स्थिति स्थानीय लोगों के लिए अत्यधिक खतरनाक है, क्योंकि भेड़िए अपने साथी की तलाश में गांवों में घुस सकते हैं। जबकि सेवानिवृत्त डीएफओ ज्ञान प्रकाश सिंह ने बताया कि भेड़िए की सूंघने और रेकी करने की क्षमता उत्कृष्ट होती है। वे 20 किलोमीटर तक का शिकार कर सकते हैं, जो उन्हें और अधिक खतरनाक बनाता है। उन्होंने यह भी बताया कि भेड़ियों के झुंड में एक मुखिया होता है और जब तक मुखिया को नहीं पकड़ा जाता, हमले जारी रह सकते हैं।

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