बड़ी खबर : बृजभूषण शरण सिंह ने चुनावी राजनीति से संन्यास का ऐलान किया, बोले- कभी नहीं लडूंगा चुनाव

बृजभूषण शरण सिंह ने चुनावी राजनीति से संन्यास का ऐलान किया, बोले- कभी नहीं लडूंगा चुनाव
UPT | बृजभूषण शरण सिंह

May 18, 2024 12:03

कैसरगंज से लोकसभा सदस्य और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है। एक मीडिया वेबसाइट के दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने...

May 18, 2024 12:03

Kaisarganj News : कैसरगंज से लोकसभा सदस्य और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है। एक मीडिया वेबसाइट के दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने विभिन्न सियासी मुद्दों पर बात करते हुए इसका ऐलान किया। शरण सिंह ने अपने इंटरव्यू में स्पष्टता से कहा, "मैं अबजीवन में कभी भी चुनाव नहीं लड़ूंगा। मेरे पास करने के लिए कई सारे काम हैं।" इस बयान से साफ है कि उन्होंने राजनीतिक मैदान से पूर्णतः अपना समर्थन वापस लिया है। इस लोकसभा चुनाव में कुश्ती संघ विवाद के कारण उनकी जगह उनके बेटे करण भूषण को चुनावी अखाड़े में उतारा है।

मुझसे कोई जीत नहीं सकता- बृजभूषण शरण सिंह
बृजभूषण शरण सिंह इन दिनों अपने बेटे करण भूषण सिंह के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। एक जनसभा को संबोधित करते हुए कल शुक्रवार को बृजभूषण शरण सिंह ने दावा किया कि वह अभी बूढ़े हुए हैं और न ही रिटायर हुए हैं... अब में खुला सांड हो गया हूं और अब किसी से भी भिड़ सकता हूं, कोई हमारा क्या कर लेगा। अब मुझसे कोई जीत नहीं सकता है। इसके आगे उन्होंने कहा, "मैं अभी बूढ़ा नहीं हुआ हूं और न ही रिटायर हुआ हूं। अब मैं एक खुला सांड बन गया हूं जो किसी से भी भिड़ सकता है।" उन्होंने यह भी कहा कि अब उनको हरा पाना किसी के लिए भी संभव नहीं है।

बृजभूषण का राजनीतिक सफर
बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं। उनका राजनीतिक सफर काफी रोचक और उतार-चढ़ाव भरा रहा है। बृजभूषण शरण सिंह ने कुश्ती में अपना करियर शुरू किया और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया। 2004 में वह भाजपा में शामिल हो गए और पहली बार 2009 के लोकसभा चुनाव में कैसरगंज सीट से चुने गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें फिर से जीत हासिल हुई। लेकिन 2019 के चुनाव में वह हार गए। हालांकि, 2022 में हुए उपचुनाव में उन्होंने प्रतिद्वंद्वी को करारी शिकस्त देकर फिर से कैसरगंज सीट जीत ली। राजनीति के अलावा, बृजभूषण सिंह पेशे से एक वकील भी हैं। उनकी कुश्ती पृष्ठभूमि के कारण वे खेल मामलों में भी गहरी दिलचस्पी रखते हैं। वे भारतीय जनता पार्टी में एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं और पार्टी से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णयों में उनकी राय भी ली जाती रही है।

बृजभूषण का विवादों से गहरा नाता 
बृजभूषण शरण सिंह वर्ष 2004 से 2022 तक लगभग 18 वर्षों तक भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे। शरण सिंह के नेतृत्व में भारतीय कुश्ती ने कई उपलब्धियां हासिल कीं। उनके कार्यकाल के दौरान, भारतीय पहलवानों ने ओलंपिक, एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप जैसे प्रमुख आयोजनों में कई पदक जीते। हालांकि, शरण सिंह के कार्यकाल के दौरान कुछ विवादों से भी नहीं बचा जा सका। उन पर भ्रष्टाचार,  और अनियमितताओं के आरोप लगे। जनवरी 2023 में, विनेश फोगट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और अन्य सहित ओलंपियन और अंतरराष्ट्रीय पहलवानों के एक समूह ने बृज भूषण द्वारा महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

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