परसपुर पुलिस ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की वार्डन सरिता सिंह को सरकारी धन गबन और अभिलेखों में हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार किया। एक साल की जांच के बाद यह कार्रवाई हुई, दस्तावेजों में जालसाजी की पुष्टि हुई।
सरकारी धन का गबन और हेराफेरी : गोंडा में कस्तूरबा विद्यालय की वार्डन गिरफ्तार, जेल भेजा, एक साल की जांच के बाद कार्रवाई
Nov 24, 2024 17:35
Nov 24, 2024 17:35
ये है मामला
सरिता सिंह पर आरोप है कि उन्होंने विद्यालय के सरकारी धन का गबन किया और अपनी गतिविधियों को छिपाने के लिए सरकारी दस्तावेजों में जालसाजी की। यह मामला तब उजागर हुआ जब 21 अगस्त 2023 को जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान 100 में से 89 छात्राएं अनुपस्थित मिलीं। इसके अलावा, विद्यालय की उपस्थिति पंजिका और आवागमन पंजिका अधूरी पाई गईं।
जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। इसके बाद जिला समन्वयक बालिका शिक्षा रकक्षंदा सिंह की शिकायत पर वार्डन सरिता सिंह, शिक्षिका सुषमा पाल, चौकीदार विष्णु प्रताप सिंह और पीआरडी जवान दिलीप कुमार मिश्र के खिलाफ परसपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस जांच और कार्रवाई
जांच में आरोप सही पाए गए। परसपुर थानाध्यक्ष दिनेश सिंह ने बताया कि सरिता सिंह के खिलाफ गबन और दस्तावेजों में हेराफेरी का मामला दर्ज था, जिसकी पुष्टि जांच में हो चुकी है। इसके बाद वार्डन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में भेज दिया है और मामले की आगे जांच शुरू कर दी है।
शिक्षा विभाग के लिए चेतावनी
इस घटना के बाद विद्यालय में खलबली मच गई है। शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों में भी भय का माहौल है। यह मामला शिक्षा विभाग के लिए एक गंभीर संकेत है, जो सरकारी धन के उपयोग और विद्यालय प्रशासन में पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है।
अगला कदम
पुलिस अब अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच कर रही है। शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। इस घटना ने शिक्षा और प्रशासनिक तंत्र की खामियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं और जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग को बल दिया है।
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